जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के वैज्ञानिकों की टीम ने नागालैंड में पानी पर रहने वाले कुछ नए कीटों की खोज की है. वैज्ञानिकों ने इन्तांकी नदी में टिलोमेरा नागालैंड जेहामालार एवं चंद्रा नामक कीटों की खोज की.
इन कीटों को नागालैंड के नाम पर ही जाना जायेगा. इस संबंध में ज़ूटाक्सा नामक पत्रिका में जनवरी 2018 में शोध रिपोर्ट प्रकाशित की गई.
इस शोध रिपोर्ट को ई एयरिन जेहामालार, कैलाश चंद्रा, श्रीमोई बासु एवं सी सेल्वाकुमार द्वारा तैयार किया गया.
पानी पर पाए गये नये कीट
• टिलोमेरा नागालैंड जेहामालार एवं चंद्रा नामक इन कीटों को उनकी शारीरिक बनावट के कारण पहचाना जा सकता है.
• यह कीट संतरी रंग का होता है तथा इनके शरीर पर पीछे की ओर काले रंग की धारियां होती है तथा शरीर के अगले हिस्से का रंग पीला या हल्का भूरा हो सकता है.
• इस नई खोजी गई प्रजाति को पिछली खोजी गई प्रजाति से इसकी शारीरिक बनावट एवं रंग के चलते भेद किया जा सकता है.
• इसकी पतली एवं लंबी टांगों की लम्बाई 11.79 एमएम है.
सबजेनुस टिलोमेरा
• भारत में अब तक सबजेनुस टिलोमेरा की केवल पांच प्रजातियां ही खोजी गई थीं.
• इसमें टिलोमेरा असमिया, टिलोमेरा एग्रीओड्स, टिलोमेरा ऑक्सीडेंटलिस, टिलोमेरा लैटिकोडाटा एवं टिलोमेरा टिग्रिना.
• टिलोमेरा नागालैंड जेहामालार की खोज के साथ ही पानी पर रहने वाले इन कीटों की संख्या छह हो गई है.
• टिलोमेरा सबजेनुस पथरीली एवं तेजी से बहती जलधाराओं पर पाया जाता है. जिन जलधाराओं में सूर्य की रोशनी बेहद कम आती है यह कीट वहीँ अधिक पाए जाते हैं.
• इन कीटों की बीच वाली टांगों पर बाल भी देखे गये जिससे इन्हें तीव्र धाराओं पर रुके रहने में सहायता मिलती है.
• इनकी अगली टांगें इनकी मध्य एवं पिछली टांगों के मुकाबले छोटी होती हैं जिससे यह अपने शिकार को आसानी से पकड़ पाते हैं.
पानी पर रहने वाले कीट
• इन्हें पौंड स्केटर अथवा स्कीमर के नाम से भी जाना जाता है.
• यह एक प्रकार के छोटे कीट होते हैं जो ठहरे अथवा बहते हुए पानी के ऊपर मौजूद रहते हैं तथा इसकी धारा के साथ ही बहते रहते हैं.
• केवल एक इंच लम्बे शरीर के साथ यह कीट अपनी टांगों एवं अपने पांवों से पानी पर टिके रहते हैं.
• इनकी टांगों पर हल्के बाल भी देखे गये हैं जिससे यह पानी पर टिके रहते हैं तथा हवा से बल प्राप्त करते हैं.
• इनकी मौजूदगी के कारण पानी की गुणवत्ता का पता लगाया जा सकता है.
• भारत में विभिन्न स्थानों पर अब तक लगभग 100 जलीय कीटों की खोज की गई है. इन्हें समुद्र, झरनों, तालाबों, नदियों आदि में खोजा गया है.
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