Nirbhaya Case: निर्भया को मिला इंसाफ, फांसी पर लटकाए गए सभी दोषी

Mar 20, 2020, 12:09 IST

सात साल से ज्यादा लंबे समय के बाद आखिरकर निर्भया को इंसाफ मिल गया. यह पहला मौका है जब तिहाड़ में चार अपराधियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया है. 

Nirbhaya Case four convicts to be hanged on March 20 in hindi
Nirbhaya Case four convicts to be hanged on March 20 in hindi

Nirbhaya Case in Hindi: निर्भया केस के मामले में चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में 20 मार्च 2020 को सुबह फांसी की सजा दी गई है. इस मामले में तीन डेथ वारंट पर किसी न किसी वजह से फांसी पर रोक लगी लेकिन कोर्ट के चौथे डेथ वारंट पर चारों दोषियों को फांसी की सजा दी गई.

साल 2012 में राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड में लगभग सवा सात साल के बाद इंसाफ हुआ है. तिहाड़ जेल के फांसी घर में 20 मार्च 2020 को सुबह ठीक 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दी गई. निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया.

कोर्ट की तरफ से मौत की सजा सुनाए जाने के बाद फांसी के लिए कई तारीखें तय हुईं, लेकिन दोषी कोई न कोई तिकड़म अपनाकर बच ही जाते थे.  19 मार्च 2020 को भी देर रात दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मामले को लेकर सुनवाई चली और इनके सारे पैंतरे फेल हो गए. इसके बाद 20 मार्च 2020 को  सुबह साढ़े 5 बजे दोषियों को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में फांसी पर लटका दिया गया. यह पहला मौका है जब तिहाड़ में चार अपराधियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया है. 

प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 मार्च 2020 को निर्भया केस के मामले में दोषियों की फांसी पर ट्वीट किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्भया मामले के दोषियों को फांसी दिए जाने पर कहा, न्याय की जीत हुई. प्रधानमंत्री ने कहा, 'महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में कहा कि 'हमारी नारी शक्ति हर क्षेत्र में आगे बढ़ी है और हमें ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जहां ध्यान महिला सशक्तीकरण, समानता और अवसर प्रदान करने पर हो.

पटियाला हाउस कोर्ट ने 19 मार्च 2020 को दोषियों की याचिका पर फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखा था.  पटियाला हाउस कोर्ट ने 05 मार्च 2020 को निर्भया केस में चौथी बार डेथ वॉरंट जारी किया था. कोर्ट ने चारों दोषियों को 20 मार्च 2020 को सुबह 5:30 बजे फांसी देने का आदेश सुनाया था. निर्भया के परिजनों ने नया डेथ वॉरंट जारी होने पर खुशी जाहिर की.

इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 04 मार्च 2020 को दोषी पवन की दया याचिका को खारिज कर दी थी. निर्भया की मां ने चौथा डेथ वारंट जारी होने के बाद कहा कि अब चारों दोषियों के सारे कानूनी दांवपेच खत्म हो चुके हैं. अदालत के फैसले के बाद उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह आखिरी तारीख होगी.

दिल्ली सरकार ने अदालत में अर्जी दायर की

दिल्ली सरकार ने दया याचिका खारिज होने के बाद चारों दोषियों की फांसी हेतु नया (चौथा) डेथ वारंट जारी करवाने के लिए अदालत में अर्जी दायर की थी. पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा के समक्ष दिल्ली सरकार की तरफ से यह याचिका दायर की गई थी.

याचिका में दिल्ली सरकार ने क्या कहा?

दिल्ली सरकार ने याचिका में कहा था कि चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं और अब उनके पास कोई रास्ता नहीं है. कोर्ट ने इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए निर्भया के चारों दोषियों को नोटिस जारी करके 05 मार्च 2020 तक जवाब मांगा था. हालांकि अब दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं. इसके बाद उन्हें फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो चुका है.

चौथी बार डेथ वॉरंट जारी

पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया केस में चौथी बार डेथ वॉरंट जारी किया है. इससे पहले तीन बार 22 जनवरी, 01 फरवरी और 03 मार्च के लिए डेथ वॉरंट जारी किया गया था, लेकिन फांसी नहीं हो पाई.

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20 मार्च को ही क्यों दी जाएगी फांसी?

निर्भया के गुनहगार पवन ने अपने अंतिम कानूनी विकल्प को अपनाते हुए दया याचिका दाखिल की थी. इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दया याचिका खारिज कर दी थी. नियमों के मुताबिक दया याचिका खारिज होने के बाद भी दोषी को फांसी पर लटकाने से पहले 14 दिन का समय मिलता है. इस कारण से फांसी की तारीख 20 मार्च तय की गई है.

निर्भया केस: पृष्ठभूमि

दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की थी. गंभीर जख्मों के वजह से 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी. निचली अदालत ने सितंबर 2013 में पांच दोषियों राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी. एक आरोपी ने इस दौरान जेल में ही फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. वहीं, एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से तीन साल में सुधार गृह से छूट चुका है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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