भारतीय अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही: नीति आयोग

Feb 22, 2022, 13:29 IST

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत आज अभूतपूर्व स्तर के आर्थिक विकास और तकनीकी बदलावों को देख रहा है.

Indian economy growing at 9.2%, among fastest-growing large economies: Niti CEO
Indian economy growing at 9.2%, among fastest-growing large economies: Niti CEO

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने 21 फरवरी 2022 को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 9.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रही है तथा आने वाले सालों में भी वृद्धि की यह रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है.

सरकार के उभरते क्षेत्रों के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का जिक्र करते हुए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि इससे अगले पांच साल में देश के उत्पादन में 520 अरब डॉलर का वृद्धि होगा और भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनेगा.

9.2 प्रतिशत की दर से हो रही ग्रोथ

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत आज अभूतपूर्व स्तर के आर्थिक विकास और तकनीकी बदलावों को देख रहा है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था 9.2 फीसदी की दर से ग्रोथ कर रही है और आने वाले सालों में भी ग्रोथ की यह रफ्तार बरकरार रहने की उम्मीद है.

पीएम गतिशक्ति जैसे योजनाएं शुरू की

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि इससे भारत को विश्व में विनिर्माण के क्षेत्र में चैंपियन बनाने में सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने ढांचागत क्षेत्र को मजबूत बनाने हेतु राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा संपत्ति मौद्रिकरण पाइपलाइन तथा पीएम गतिशक्ति जैसे योजनाएं शुरू की है.

प्रौद्योगिकी को अपनाना जरूरी

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि इन दोनों योजनाओं के संयुक्त प्रभाव से देश में सरकार एवं निजी क्षेत्र-दोनों की भागीदारी से वैश्विक स्तर की ढांचागत परियोजनाएं तैयार होंगी. उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में सफलता हेतु प्रौद्योगिकी को अपनाना जरूरी है. भारत पहले ही प्रौद्योगिकी के लिये एक उपयुक्त वातावरण तैयार करने में सफल रहा है.

कई अहम सुधार किये

सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि देश ने दक्षता को अधिकतम करने हेतु कई उपाय किये हैं. केंद्र सरकार ने इसके लिये कई अहम सुधार किये हैं. इसमें जीएसटी (माल एवं सेवा कर), दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता, कॉरपोरेट करों को कम करना इत्यादि शामिल हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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