नीति आयोग के उपाध्याक्ष अरविंद पनगढ़िया ने 1 अगस्त 2017 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वे 31 अगस्त 2017 तक आयोग को अपनी सेवाएं देंगे. अरविंद पनगढ़िया ने फिलहाल अध्यापन में वापसी करने की बात कहकर अपने पद से इस्तीफा दिया है. योजना आयोग की जगह नीति आयोग बनने के बाद पनगढ़िया नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष हैं.
मोदी सरकार ने देश की नीति और विकास प्रक्रिया को नई दिशा देने के लिए योजना आयोग को खत्म करके नीति आयोग की शुरुआत की थी. अरविंद पनगढ़िया 5 जनवरी 2015 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष बने थे. नीति आयोग के उपाध्यक्ष से पहले अरविंद पनगढ़िया कोलंबिया यूनिवर्सिटी में शिक्षण का कार्य कर रहे थे. उन्होंने एक बार फिर से शिक्षण क्षेत्र में जाने का फैसला किया है.
नीति आयोग क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लालकिले से अपने संबोधन के दौरान योजना आयोग को समाप्त करके उसके स्थान पर नीति आयोग स्थापित करने की घोषणा की थी. नीति आयोग का पूरा नाम नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रान्सफॉर्मिंग इंडिया है. इस संस्था को बड़े थिंक टैंक के तौर पर माना जाता है. इस संस्था में 8 सदस्य होते हैं.
अरविंद पनगढ़िया के बारे में:
• अरविंद पनगढ़िया का जन्म 30 सितम्बर 1952 को हुआ था.
• अरविंद पनगढ़िया भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं.
• वे इससे पहले एशियाई विकास बैंक के मुख्यअ अर्थशास्त्री रहे हैं.
• उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की है.
• अरविंद पनगढ़िया कई पुस्तक भी लिख चुके हैं. उनकी पुस्तक ‘इंडिया द इमरजिंग जाइंट’ 2008 में इकनॉमिस्ट की ओर से सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली पुस्तक में शामिल हो चुकी है.
• उन्हें मार्च 2012 में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पदम विभूषण से नवाजा जा चुका है.
• अरविंद पानागढ़िया विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन और व्यापार एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (एंकटाड) में भी विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं.
• अरविंद पनगढ़िया की पहचान विश्व के अनुभवी अर्थशास्त्री में होती है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation