दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 02 सितम्बर 2017 को गाजीपुर में कचरा डालने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है. उन्होंने कहा कि इसकी जगह भस्वला लैंडफिल साइट का इस्तेमाल किया जाए. उपराज्यपाल ने इस लैंडफिल साइट को दो साल के भीतर साफ करने का निर्देश भी दिया है.
पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर में अपशिष्ट भराव क्षेत्र (लैंडफिल साइट) पर हुए हादसे के बाद से कूड़ा फेंकना बैन कर दिया गया है. कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा 1 सितम्बर 2017 को ढहने से दो लोगों की मौत हो गई थी.
दिल्ली के तीन बड़े लैंडफिल साइट में गाजीपुर सबसे पुराना है. यह वर्ष 1984 में शुरू हुआ था और 29 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां पूर्वी दिल्ली और आसपास के इलाकों से निकलने वाला करीब 2500 मैट्रिक टन कूड़ा रोज डाला जाता है. इस लैंडफिल साइट के लिए 20 मीटर ऊंचाई की परमिशन थी, लेकिन अब ये 60 मीटर ऊंचा (15 मंजिला बिल्डिंग के बराबर) हो चुका था.
कचरे के इस ढेर को लेकर पूर्ण निस्तारण की कोई ठोस पहल नहीं हो सकी है. इस वजह से आसपास के लोगों को भी तरह-तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.
पूर्वी दिल्ली की मेयर नीमा भगत ने गाजीपुर इलाके में कल कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा गिरने की घटना में मरने वाले दो लोगों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की.
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