उत्तर कोरिया तथा दक्षिण कोरिया के मध्य दो वर्ष बाद वार्ता आयोजित की गयी. यह उच्चस्तरीय वार्ता आगामी शीतकालीन ओलंपिक खेलों को लेकर आयोजित की गयी थी. उत्तर कोरिया तथा दक्षिण कोरिया की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित क्षेत्र पनमुनजोम में यह बैठक हुई.
इस बैठक के अनुसार वर्ष 2018 के शीतकालीन ओलंपिक खेलों के लिए उत्तर कोरिया की टीम दक्षिण कोरिया जाएगी. इस वर्ष के शीतकालीन ओलंपिक फरवरी में दक्षिण कोरिया में आयोजित होंगे.
दोनों देशों ने अंतिम बार 2015 में बातचीत की थी, इसके बाद दोनों देशों के मध्य लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. मीडिया में प्रकाशित जानकारी के अनुसार दक्षिण कोरिया के मुख्य मध्यस्थ चो म्योंग ग्योन ने कहा, “लंबे समय तक तनावपूर्ण माहौल रहने के बाद आरंभ हुई यह वार्ता एक अच्छी शुरुआत रही है. मुझे उम्मीद है कि दोनों पक्ष दृढ़ संकल्प और दृढ़ता से बातचीत कर सकते हैं."
उत्तर कोरियाई पक्ष ने एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल, राष्ट्रीय ओलंपिक समिति प्रतिनिधिमंडल, एथलीटों, समर्थकों, कलाकारों, पर्यवेक्षकों, एक टायक्वोंडो प्रदर्शन टीम और खेल पत्रकारों को भेजने का प्रस्ताव रखा है.
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दोनों देशों के मध्य विवाद का कारण
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत रूस की आर्मी ने कोरिया के उत्तरी भाग को अपने अधिकार क्षेत्र में रखा जबकि अमेरिका ने दक्षिणी भाग पर अपना अधिकार कर लिया. दोनों देश उत्तरी और दक्षिणी कोरिया पर अपने-अपने हिसाब से सरकार चलाने लगे. इस कब्जे का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी हुआ जिसके परिणामस्वरूप 1948 में दक्षिण कोरिया में अमेरिका के समर्थन वाली और उत्तर कोरिया में चीन और रूस के समर्थन वाली सरकार बनी.
तदोपरांत लोकतंत्र तथा साम्यवाद को लेकर दोनों देशों में संघर्ष होने लगा. वर्ष 1950 में उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर आक्रमण कर दिया और उसके एक बड़े हिस्से को उत्तर कोरिया में मिला लिया. चीन ने उत्तर कोरिया को आश्रय दिया जबकि अमेरिका ने दक्षिण कोरिया का समर्थन जारी रखा. चीन को अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव में भारत ने ब्रिटेन के सहयोग से अहम मध्यस्थ की भूमिका निभाई.
वर्तमान समय में उत्तर कोरिया द्वारा किये जा रहे मिसाइल परीक्षण से दक्षिण कोरिया तनाव में है. अमेरिका जहां उत्तर कोरिया को सबक सिखाने के लिए कह रहा है वहीँ दक्षिण कोरिया मध्य मार्ग अपनाते हुए संबंध सुधारने के लिए प्रयासरत है.
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