खाड़ी देशों में अब तक वैट नहीं लगाया जाता था लेकिन अब पहली बार सऊदी अरब तथा यूएई में भी वैट लगाया गया है. नये वर्ष की शुरुआत में 1 जनवरी 2018 से टैक्स-फ्री कहे जाने वाली खाड़ी देशों में भी वैट लगाया जाना आरंभ किया गया.
खाड़ी देशों में सऊदी अरब तथा यूएई पहले दो देश हैं जहां वैट लगाया गया है. इन देशों की सरकार ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए यह टैक्स लगाने का निर्णय लिया. इन देशों में खाने-पीने की वस्तुओं, कपड़े, पेट्रोल, फोन, पानी और बिजली के बिलों के साथ ही होटलों में बुकिंग पर वैट लगाया गया है.
मुख्य बिंदु
• यूएई ने पहले वर्ष में वैट से करीब 3.3 अरब डॉलर (लगभग 21 हजार करोड़ रुपये) आय का अनुमान लगाया है.
• दोनों देशों को इससे लगभग 21 अरब डॉलर (1 लाख 34 हजार करोड़ रुपये) की आय होने का अनुमान लगाया है.
• वैट लागू करने का उद्देश्य सऊदी सरकार के टैक्स रेवेन्यू को बढ़ाना है, ताकि बुनियादी ढांचे और विकास के कार्यों पर खर्च किया जा सके.
• इसके अतिरिक्त खाड़ी देशों में बहरीन, ओमान, कतर और कुवैत भी 2019 से वैट लगाने की घोषणा कर चुके हैं.
• साथ ही सऊदी अरब ने बेहतर क्वालिटी के पेट्रोल की कीमतों में 127% तक की वृद्धि की घोषणा की है.
टिप्पणी
पिछले कुछ वर्षों में खाड़ी के तेल उत्पादक देशों ने अपनी आय वृद्धि तथा व्यय को सुधारने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं. इनमें खर्च को कम करना और टैक्स लगाना शामिल है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटती कीमतों ने इन देशों के बजट को नकारात्मक तौर पर प्रभावित किया है.
यह भी पढ़ें: जॉर्ज वेय लाइबेरिया के राष्ट्रपति चयनित किये गये
Comments
All Comments (0)
Join the conversation