उत्तर कोरिया ने 06 मार्च 2017 को मध्यम दूरी की चार बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया. उत्तर कोरिया द्वारा प्रक्षेपित बैलेस्टिक मिसाइल लगभग 260 किलोमीटर की ऊंचाई तक गयी. मिसाइलें एक हजार किलोमीटर का सफर तय करके जापान सागर में गिरीं. यह मिसाइलें अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलें (आईसीबीएम) हैं.
इन मिसाइलों की मारक क्षमता अमेरिका तक मार करने की है. यानि ये मिसाइलें पांच हजार किलोमीटर तक मार करने में सक्षम हैं. उत्तर कोरिया ने इन बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण जब किया तब उस पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा किसी भी मिसाइल परीक्षण को लेकर प्रतिबंध लगा रखा है.
मुख्य तथ्य-
- उत्तर कोरिया और अमेरिका के मध्य की दूरी लगभग चार हजार किलोमीटर है.
- बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण करके परमाणु हथियार संपन्न उत्तर कोरिया ने अमेरिका के समक्ष कड़ी चुनौती पेश की है.
- वैश्विक पटल पर दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका के साथ उत्तर कोरिया के आपसी सम्बन्ध अच्छे नहीं हैं.
- परीक्षण के समय यह मिसाइलें जापान की धरती से महज 300 किलोमीटर पहले समुद्र में गिरीं.
अमेरिका की प्रतिक्रिया-
- इसके बाद अमेरिका ने अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम थाड को तैनात कर दिया.
- इससे पहले अमेरिका ने सन 1991 में दक्षिण कोरिया से अपने परमाणु हथियार हटा लिये.
- उस समय दोनों कोरियाई देशों ने प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त रखने के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे.
इससे पहले उत्तर कोरिया ने सितंबर 2016 में अपना पांचवां शक्तिशाली परमाणु परीक्षण किया, उत्तर कोरिया के अनुसार वह हाइड्रोजन बम था. हाइड्रोजन बम परमाणु बम से 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली होता है.
जापान का विरोध-
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने उत्तर कोरिया से मिसाइल परीक्षण को लेकर कड़ा विरोध वयक्त किया है.
शिंजो आबे के अनुसार यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का उल्लंघन है. दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति ह्वांग क्यो हान ने भी विरोध व्यक्त किया.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद उत्तर कोरिया की तरफ से यह मिसाइल का पहला परीक्षण है.
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