उत्तर कोरिया ने 28 नवम्बर 2017 को एक अंतर्देशीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया. उत्तर कोरिया द्वारा यह परीक्षण अमेरिका द्वारा उसपर प्रतिबंध के बावजूद भी किया गया.
दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप के अनुसार, दक्षिणी प्योंगान प्रांत के प्योंगयाग से पूर्व की ओर इस मिसाइल को छोड़ा गया. अमेरिकी सेना ने भी इस खबर की पुष्टि की है, मिसाइल लॉन्च के बारे में अमेरिका अभी और जानकारी जुटा रहा है. अमरिका के रक्षा मंत्रालय 'पेंटागन' ने कहा है कि उसके प्रारंभिक मूल्यांकन के अनुसार, यह एक अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है. उत्तर कोरिया द्वारा अंतर्देशीय बैलिस्टिक मिसाइल के इस परीक्षण के बाद अमरीकी रक्षा मंत्री जेम्स मेटिस ने इसे पूरी दुनिया के लिए ख़तरा बताया है.
विदित हो कि इस तरह की मिसाइल का परीक्षण किम जोंग उन ने आखिरी बार सितम्बर में कराया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया द्वारा दागी गई मिसाइल पर सिर्फ यह कह सकते हैं कि इस पर हम नजर बनाए हुए हैं. यह एक ऐसी परिस्थिति है, जिसे हम संभाल लेंगे. दक्षिण कोरिया के अनुसार, उत्तर कोरिया साल 2018 तक न्यूक्लियर मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम हो जाएगा. गौरतलब है कि नॉर्थ कोरिया इसके पहले 22 मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है.
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जापान, अमेरिका और दक्षिण कोरिया की आपात बैठक
दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के विश्लेषण को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से आपात बैठक बुलाने का आग्रह किया है. मीडिया में प्रकाशित जानकारी के अनुसारयह बैठक जल्द ही हो सकती है जहां सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों पर चर्चा के लिए पहले ही एक सत्र बुलाया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष सेबास्टियानो कार्डी ने संवाददाताओं को बताया कि यह एक अवसर हो सकता है.
जापान के प्रतिनिधि कोरो बेशो ने संयुक्त राष्ट्र के समक्ष उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण की निंदा की. बेशो ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कहा, हम कड़े शब्दों में इनकी गतिविधियों की निंदा करते हैं. उत्तर कोरिया द्वारा जापानी सागर में बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया गया जिस पर जापान सरकार का कहना है कि मिसाइल ने लगभग 50 मिनट का सफर तय किया और यह उनके विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की सीमा पर आकर गिरी होगी.
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