यूनिसेफ द्वारा 10 मई 2018 को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार भारत में मात्र 41.6% बच्चे ही जन्म के एक घंटे में मां का दूध पी पाते हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्षों में भारत के 95% बच्चे स्तनपान किया करते थे.
यूनिसेफ ने भारत के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) डाटा का हवाला देते हुए कहा है कि 54.9% बच्चे भारत में जन्म के समय से लगभग 2.9 माह तक स्तनपान करते हैं. पानी का इस्तेमाल करने तथा अन्य तरल पदार्थ दिए जाने के कारण बच्चों का स्तनपान छूट जाता है.
यूनिसेफ रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में लगभग 7.6 मिलियन नवजात बच्चे स्तनपान नहीं करते हैं.
• रिपोर्ट के अनुसार माँ का दूध बच्चे को विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाता है, उनका आईक्यू बेहतर होता है तथा पढ़ाई में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं.
• उच्च-आय वाले देशों में लगभग 21% नवजात बिलकुल भी स्तनपान नहीं कर पाते हैं.
• कम एवं मध्यम आय वाले देशों में स्तनपान से वंचित रहने वाले नवजात शिशुओं की संख्या 4 प्रतिशत है.
• अध्ययन में यह भी कहा गया है कि कुछ कम एवं मध्यम आय वाले देश ऐसे भी हैं जिनमें नवजात शिशुओं ने कम से कम एक बार स्तनपान अवश्य किया है. इन देशों में ऐसे बच्चों की संख्या इस प्रकार है – भूटान (99%), मेडागास्कर (99%), पेरू (99%), एवं आयरलैंड (55%), अमेरिका (74%) एवं स्पेन (77%).
यूनिसेफ के निर्देश |
स्तनपान करने वाले शिशुओं का विकास बेहतर तरीके से विकसित होता है. स्तनपान कराने वाली मांओं को भी ब्रेस्ट और ओवरी कैंसर का कम खतरा होता है. यूनिसेफ का दावा है कि स्तनपान को बढ़ावा देने से हर साल 20,000 मांओं की जान भी बचाई जा सकती है. यूनिसेफ के अनुसार महिलाओं को कामकाज के दौरान शिशु को स्तनपान कराने का अधिकार मिलना चाहिए. अस्पतालों से भी अपील की गई है कि वे प्रसव के घंटे भर बाद ही मांओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करें. आदर्श रूप से शिशुओं को दो साल तक स्तनपान कराने की अपील की गई है. |
स्तनपान के संबंध में यूनिसेफ और WHO के सुझाव
• बच्चे के जन्म के एक घंटे के भीतर उसे स्तनपान कराया जाना चाहिए.
• नवजात को पहले छह महीनों तक केवल मां का दूध दिया जाना चाहिए. बच्चे को मां के दूध के अलावा किसी भी तरह का कोई अन्य तरल पदार्थ जैसे कि पानी भी नहीं देना चाहिए.
• छह महीने बाद बच्चे को अगले दो वर्ष तक सहायक भोजन देना चाहिए तथा साथ ही स्तनपान भी कराते रहना चाहिए.
• बच्चा, दिन अथवा रात किसी भी समय अपनी इच्छानुसार स्तनपान के लिए इच्छा जता सकता है, उसे उसी समय स्तनपान कराया जाना चाहिए.
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