पाकिस्तान सरकार ने चाइनीज शॉर्ट वीडियो मेकिंग ऐप टिकटॉक (TikTok) पर लगे बैन को हटा दिया है. पाकिस्तान सरकार ने इस महीने टिकटॉक पर अश्लीलता फैलाने और अभद्रता को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए बैन कर दिया था. पाकिस्तान की सरकार ने टिक टॉक पर बैन लगाने के 10 दिन बाद ही अपना फैसला वापस ले लिया है.
पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने 19 अक्टूबर 2020 को जारी किए बयान में बताया कि वो टिकटॉक पर बैन लगाने के फैसले को वापस ले रही है. अथॉरिटी ने कहा कि चीनी ऐप ने पाकिस्तान के नियमों के अनुसार अश्लील कंटेंट पर पूरी तरह से रोक लगाने का वादा किया है.
पाकिस्तान सरकार ने क्या कहा?
पाकिस्तान की नियामक संस्था ने सोशल मीडिया पर कहा कि टिकटॉक के प्रबंधन की तरफ से अश्लील कंटेंट पोस्ट करने वाले सभी अकाउंट को ब्लॉक करने के वादे के बाद इस पर से बैन हटाया जा रहा है. ह्यूमन राइट्स पर नजर रखने वाली संस्था फ्रीडम हाउस के अनुसार, जून 2018 से मई 2019 के बीच पाकिस्तान सरकार ने कुल 8 लाख वेबसाइट्स को ब्लॉक किया है.
पाकिस्तान सरकार ने TikTok पर बैन क्यों लगाया था?
पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने 09 अक्टूबर 2020 को कहा था कि अश्लील कंटेंट की शिकायत को लेकर वो टिक टॉक पर प्रतिबंध लगा रही है. टिकटॉक को कई देशों में पहले ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. भारत ने सबसे पहले चीनी ऐप पर बैन लगाया था. ये चीनी कंपनी के लिए किसी झटके से कम नहीं था क्योंकि भारत ऐप के लिए एक बड़ा बाजार था.
पाकिस्तान टिकटॉक का 12वां सबसे बड़ा बाजार
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान टिकटॉक का 12वां सबसे बड़ा बाजार है. पाकिस्तान की सरकार ने साल 2012 में यूट्यूब पर बैन लगा दिया था. इस साल भी पाकिस्तान में कई ऐप बैन हुए हैं. इसमें टिंडर, स्कॉउट, ग्रिडर से हाय जैसे ऐप शामिल हैं. इन ऐप को भी अश्लील कंटेंट के आधार पर ब्लॉक किया गया है. पाकिस्तान में टिकटॉक के 20 मिलियन यूजर हैं और बीते एक साल से वह पाकिस्तान में फेसबुक और वॉट्सऐप के बाद सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप है.
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