2020 में दुनिया में सबसे ज्यादा महंगाई पाकिस्तान में: SBP रिपोर्ट

Jun 9, 2020, 11:25 IST

एसबीपी ने महंगाई दर को नियंत्रण में रखने के लिए वित्त वर्ष के दौरान नीतिगत ब्याज दरों को बढ़ाया. लेकिन, इसका उल्टा असर हुआ. निजी क्षेत्र ने महंगा कर्ज उठाना बंद कर दिया. इसके चलते महंगाई और बढ़ गई.

Pakistan sees highest inflation in the world during 2020 says SBP in Hindi
Pakistan sees highest inflation in the world during 2020 says SBP in Hindi

पाकिस्तान में महंगाई दर साल 2020 के दौरान दुनिया में सबसे अधिक रहने वाली है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने 07 जून 2020 को कहा कि इस वजह से नीति निर्माताओं को नीतिगत ब्याज दरें बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ रहा है. साल 2020 में पाकिस्तानी रुपये में विश्वभर के अन्य देशों की अपेक्षा सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है.

कोरोना संकट (कोविड-19) के बीच पाकिस्तान में आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे हैं. विश्वभर में सबसे ज्यादा महंगाई पाकिस्तान में दर्ज की गई है. यह खुलासा पाकिस्तान स्टेट बैंक ने किया है. एसबीपी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020 में पाकिस्तान ने विश्वभर में सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति दर्ज की है.

मुख्य बिंदु

• रिपोर्ट के अनुसार जनवरी में यह 12 सालों के उच्च स्तर के साथ 14.6 फीसदी पहुंच गई थी. जिस कारण से नीति निर्माताओं को ब्याज दर बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

• एसबीपी ने वित्तीय वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ा दिया, लेकिन इसका परिणाम उल्टा हुआ और मुद्रास्फीति बढ़ गई.

• रिपोर्ट के अनुसार, निजी कंपनियों ने महंगा कर्ज लेना बंद कर दिया, जिससे औद्योगिक विकास एवं सेवाएं प्रभावित हुईं. कोरोना संकट के चलते मांग में जब कमी की वजह से मुद्रास्फीति नीचे आई तो एसबीपी को ब्याज दरों में केवल तीन महीनों के भीतर 5.25 फीसदी की कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा.

• एसबीपी के अप्रैल के महंगाई के आंकड़ों के हिसाब से पाकिस्तान की मुद्रास्‍फीति दर न केवल विकसित बल्कि उभरते विकासशील देशों के मुकाबले भी सबसे अधिक रही.

• एसबीपी ने महंगाई दर को नियंत्रण में रखने के लिए वित्त वर्ष के दौरान नीतिगत ब्याज दरों को बढ़ाया. लेकिन, इसका उल्टा असर हुआ. निजी क्षेत्र ने महंगा कर्ज उठाना बंद कर दिया. इसके चलते महंगाई और बढ़ गई.

• जनवरी में पाकिस्तान में महंगाई की दर 14.6 प्रतिशत रही जो 12 साल का उच्चतम स्तर रहा. एसबीपी ने इसे देखते हुए ब्याज दरों को बढ़ाकर 13.25 प्रतिशत कर दिया.

• कोरोना वायरस महामारी के चलते पूरी अर्थव्यवस्था बदल गई. मांग सिकुड़ने से महंगाई नीचे आ गई. इसके बाद एसबीपी को ब्याज दर तीन महीने के भीतर ही घटाकर 5.25 प्रतिशत करनी पड़ीं.

• चीन, भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और थाईलैंड सहित अन्य विकासशील देशों की तुलना में महामारी के बाद से पाकिस्तान की मुद्रास्फीति में कमी आई है. यह एसबीपी की मुद्रास्फीति की निगरानी के साथ-साथ विस्तृत रेखांकन से पता चला था.

पाकिस्तान ने महंगाई दर को कैसे कम किया?

पाकिस्तानी सरकार ने दो महीने के दौरान पेट्रोलियम की कीमतों में तीन बार कमी की, जिससे उत्पादन, परिवहन की लागत में भारी कमी आई. इससे मुद्रास्फीति को नीचे लाने में मदद मिली.

ब्याज दर में कटौती की मांग

व्यापार और औद्योगिक क्षेत्र ने जानकारों ने ब्याज दर में कटौती की मांग करते हुए कहा है कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को 3-4 ट्रिलियन रुपये के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है. अनुमान जताया जा रहा है कि आर्थिक मंदी के कारण राजस्व संग्रह भी इस वर्ष कम हो गया है. इससे सरकार के लिए इतने बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश करना भी असंभव हो गया है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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