पाकिस्तान की एक कोर्ट ने शिव मंदिर में हिंदुओं को 20 वर्ष बाद पूजा की अनुमति प्रदान की है. एबटाबाद जिले के शिव मन्दिर में 24 अप्रैल 2017 को हिन्दुओं को अनुमति दी गयी.
पेशावर हाईकोर्ट की पीठ ने संविधान की धारा 20 के तहत हिंदुओं को खैबर पख्तुनख्वा शिव मंदिर में पूजा अर्चना की इजाजत दी. इस संवैधानिक पीठ की अध्यक्षता जस्टिस अतीक हुसैन शान ने की.
संपत्ति विवाद के कारण मंदिर में किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गयी थी.
क्या था मामला?
• इस संबंध में वर्ष 2013 में एक गैर सरकारी हिन्दू संगठन (एनजीओ) ने पेशावर हाईकोर्ट एबटाबाद पीठ में एक अर्जी दायर की.
• संगठन ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने लीज़ द्वारा संपत्ति की खरीददारी की थी.
• याचक और एनजीओ बालमाइक सभा के प्रमुख श्याम लाल ने कहा कि यह मंदिर 175 वर्ष पुराना है.
• याचिकाकर्ता ने मन्दिर के इतिहास के बारे में बताया कि ब्रिटिश शासन के दौरान (विभाजन पूर्व) इस मंदिर को गोरखा राइफल्स को सौंपा गया था ताकि हिंदु सैनिक पूजा अर्चना कर सके.
• वर्ष 1947 में भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद इस मंदिर और अन्य संपत्तियों को बालमाइक सभा को दे दिया गया और इस पर वर्ष 1960 तक बालमाइक सभा का अधिकार रहा.
• लेकिन इसके कुछ वर्ष बाद एबटाबाद बोर्ड ने यह मंदिर समेत सभी हिंदू संपत्तियों को कब्जे में ले लिया.
• एनजीओ का कहना है कि वह विभाजन से पहले से ही इस मंदिर की देख-रेख करता आया है इसलिए इस पर उसे वहां पूजा-अर्चना करने का अधिकार दिया जाये.
• अंततः कोर्ट ने हिन्दुओं को वहां संविधान की धारा 20 के तहत पूजा-अर्चना का अधिकार दिया.
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