संसद ने एसपीजी (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया

Dec 4, 2019, 10:44 IST

प्रधानमंत्री के अतिरिक्त किसी भी विशेष व्यक्ति को यह सुविधा नहीं दिया जाएगा. प्रधानमंत्री पद से हटने के पांच साल बाद उनसे भी यह सुरक्षा वापस ले ली जाएगी.

Parliament passes SPG Amendment Bill
Parliament passes SPG Amendment Bill

संसद में विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया गया. हालांकि इस दौरान कांग्रेस द्वारा वॉकआउट के बीच 03 दिसंबर 2019 को बिल को राज्यसभा में पारित किया गया था. लोकसभा में एसपीजी संशोधन बिल 27 नवंबर 2019 को पारित हो गया था.

इस बिल में केवल प्रधानमंत्री और उनके परिवार (जो उनके साथ आधिकारिक निवास पर रहते हो) को एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान है. प्रधानमंत्री के अतिरिक्त किसी भी विशेष व्यक्ति को यह सुविधा नहीं दिया जाएगा. प्रधानमंत्री पद से हटने के पांच साल बाद उनसे भी यह सुरक्षा वापस ले ली जाएगी.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 25 नवंबर, 2019 को एसपीजी (संशोधन) विधेयक, 2019 संसद के निचले सदन में पेश किया गया था. विधेयक विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम, 1988 में संशोधन करना चाहता है.

एसपीजी (संशोधन) विधेयक, 2019: उद्देश्य

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संशोधन शुरू करने के पीछे मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु एसपीजी अधिनियम को अधिक प्रभावी बनाना था.

विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम, 1988

विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम (एसपीजी अधिनियम) भारत के प्रधानमंत्री और उनके अपने परिवार के सदस्यों को 'निकटस्थ सुरक्षा' उपलब्ध करवाता है. एसपीजी अधिनियम साल 1988 में लागू हुआ था.

इस सुरक्षा समूह अधिनियम को पहले भी साल 1991, साल 1994, साल 1999 और साल 2003 में संशोधित किया जा चुका है. वाजपेयी सरकार ने साल 2003 में एसपीजी एक्ट में संशोधन किया था. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री को ऑफिस छोड़ने वाले दिन से स्वत: सुरक्षा मिलने वाली अवधि को दस साल से कम करके एक साल कर दिया था.

इस विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, सुरक्षा लेने वाला व्यक्ति सुरक्षा कवर हेतु मना भी कर सकता है, लेकिन ऐसा तभी संभव है, जब उसे कोई ख़तरा न हो. अगर सुरक्षा लेने वाले व्यक्ति को हल्का सा भी ख़तरा होता है तो उसके लिए सुरक्षा लेना अनिवार्य हो जाता है.

एसपीजी (संशोधन) विधेयक, 2019: मुख्य विशेषताएं

एसपीजी संशोधन बिल के तहत एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री और आधिकारिक आवास पर उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों को मिलेगी.

विधेयक के अनुसार, किसी पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनके आवंटित आवास पर उनके निकट परिजनों को संबंधित नेता के प्रधानमंत्री पद छोड़ने की तारीख से पांच साल तक एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

यह भी पढ़ें:लोकसभा में कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित

एसपीजी क्या होती है?

विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) देश की एक सशस्त्र सेना है. यह सेना देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों सहित उनके नजदीकी परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करती है. सेना की इस यूनिट की स्थापना साल 1988 में संसद के अधिनियम 4 की धारा 1(5) के अंतर्गत की गई थी.

पूर्व प्रधानमंत्री, उनका परिवार तथा वर्तमान प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य चाहें तो अपनी इच्छा से एसपीजी की सुरक्षा लेने से मना कर सकते हैं. एसपीजी कमांडो के पास अत्याधुनिक रायफल्स, संचार के कई अत्याधुनिक उपकरण, अंधेरे में देखने हेतु चश्मे, बुलेटप्रूफ जैकेट, गलव्स आदि होते हैं. इनके पास अत्याधुनिक वाहन भी होते हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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