पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ से जुड़े राजद्रोह के मामले में विशेष न्यायाधिकरण ने उन्हें 12 मई 2016 को भगोड़ा घोषित किया. न्यायाधिकरण ने मुशर्रफ को 30 दिन के भीतर पेश करने का निर्देश दिया.
जस्टिस मजहर आलम खान मिनाखेल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने सरकार को निर्देश दिया कि वह परवेज मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित करने वाला विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित कराये. साथ ही इस आशय के पोस्टर अदालत के बाहर और मुशर्रफ के आवास के बाहर चिपकवाए. मुशर्रफ (72) अपनी बीमारी के इलाज हेतु सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से
दुबई गए हैं.
न्यायाधिकरण ने संघीय जांच एजेंसी को 30 दिन में मुशर्रफ को गिरफ्तार करके पेश करने का आदेश सुनाया. साथ ही 12 जुलाई को अगली सुनवाई पर आरोपी मुशर्रफ की संपत्तियों की जानकारी सरकार से मांगी गयी.
गौरतलब है कि वर्ष 2007 में संविधान को न मानने के मामले की सुनवाई 2013 से चल रही है. मुशर्रफ 1999 में नवाज शरीफ सरकार का तख्ता पलट कर खुद राष्ट्रपति बन बैठे थे. वर्ष 2008 में हुए चुनाव में हार जाने के बाद वह इस्तीफा देकर दुबई चले गए थे. वह 2013 में वापस पाकिस्तान लौटे लेकिन उन्हें वह सियासी रुतबा हासिल नहीं हो सका
जिसकी उन्हें उम्मीद थी.
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