भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा फरवरी 2017 के अंतिम सप्ताह में यह घोषणा की गयी कि भारत में कृषि उपज का लगभग 35 प्रतिशत कीटों द्वारा नष्ट कर दिया जाता है.
यह घोषणा आईसीएआर के सहायक महानिदेशक (पौध संरक्षण और जैव सुरक्षा) पी के चक्रवर्ती द्वारा की गयी.
चक्रवर्ती की घोषणा में बताया गया कि इन कीटों में नेमाटोडेस सबसे बड़ा खतरा है. इससे फसलों को वर्ष भर में 60 मिलियन टन का नुकसान होता है. इसके अतिरिक्त बड़े पैमाने पर फसलों के इस नुकसान का कारण कृषि जैव सुरक्षा पर पड़ने वाला प्रतिकूल प्रभाव है.
चक्रवर्ती द्वारा तेरहवें समूह फसल प्रणाली की वार्षिक बैठक में यह घोषणा की गयी कि अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी) द्वारा फसलों की उपज बढ़ाने हेतु किये गये उपायों पर भी प्रकाश डाला गया.
नेमाटोड क्या है
• यह माइक्रोस्कोपिक कीट है जिन्हें पाराकीट कृमि श्रेणी में गिना जाता है.
• इन्हें पहचानना मुश्किल है. अब तक इन कीटों की 25 हज़ार से अधिक प्रजातियों के बारे में पता लगाया जा चुका है.
• विश्व में इन कीटों की लगभग 10 लाख प्रजातियां पायी जाती हैं.
• यह कीट दोनों ओर से चल सकता है तथा इसकी प्रजाति फसलों तथा मनुष्यों दोनों के लिए हानिकारक होती है.
• यह खारे पानी, ताजा पानी एवं मृदा आदि सभी स्थानों पर पाए जाते हैं.
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