प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 जनवरी 2018 को राजस्था न के बाड़मेर स्थित पचपदरा में राजस्थांन रिफाइनरी के कार्य का शुभारंभ किया. उन्होंने इस अवसर पर एक उत्सा0हपूर्ण सार्वजनिक सभा को संबोधित किया.
बाड़मेर ऑयल रिफाइनरी की विशेषताएं
• बाड़मेर में लगभग 4 अरब बैरल भूमिगत तेल की खोज की गई है.
• बाड़मेर की पचपदरा में स्थापित की गयी इस रिफाइनरी से प्रतिदिन 200 कुओं से लगभग 1.75 लाख बैरल तेल उत्पादन किया जाएगा.
• यह ऑयल रिफाइनरी पूरी तरह से पर्यावरण हितैषी होगी.
• रिफाइनरी की क्षमता वार्षिक 90 लाख टन कच्चा तेल रिफाइन करने की है.
• इस रिफाइनरी से संशोधित किया गया 25 लाख टन कच्चा तेल बाड़मेर में और बाकी का 65 लाख टन कच्चा तेल गुजरात से आएगा.
• इसमें रिफाइनरी में एक पेट्रोकेमिकल कांप्लेक्स भी होगा.
• पहले बाड़मेर का कच्चा तेल रिफाइन होने के लिए गुजरात जाता था, पचपदरा में पेट्रोकैमिकल हब बनने से तेल रिफाइन होकर 6 पेट्रोलियम उत्पादों में बदल जाएगा जो बीएस-6 मानक के अनुसार होगा.
• रिफाइनरी निर्माण का कार्य का निर्माण एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के सहयोग से हो रहा है.
यह भी पढ़ें: भारत का पहला स्पोर्ट्स रेडियो चैनल आरंभ
टिप्पणी
राजस्थान में पहला तेल का कुआं 2005 से 2008 में खोदा गया था. इस क्षेत्र में तेल, लिग्नाईट, सौर उर्जा के प्रचुर भंडार हैं जिससे देश के संसाधनों के विकास में अहम योगदान मिल सकता है. इस रिफाइनरी का कार्य पूरा होने के बाद देश में क्रूड ऑयल को रिफाइन करने की समस्या से काफी हद तक निजात मिल पाएगी और आयातित तेल पर निर्भरता कम होगी.
इस रिफाइनरी के निर्माण में युक्त होने वाली करीब 30 फीसदी मशीनें विदेश से मंगवाई गई हैं जबकि 70 फीसदी मशीने देश की भेल कंपनी उपलब्ध करवाएगी. इस रिफाइनरी में 74 प्रतिशत एचपीसीएल की हिस्सेदारी तय की गई है जबकि राज्य सरकार की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत रहेगी. यहां बीएस 6 मानक स्तर के पेट्रोल डीजल का उत्पदान किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: कार्टोसैट-2 द्वारा भेजी गयी पहली तस्वीर जारी की गई
Comments
All Comments (0)
Join the conversation