प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में 09 अगस्त 2021 को इतिहास रच दिया. जब पीएम मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक उच्चस्तरीय खुली परिचर्चा की अध्यक्षता की तो वह ऐसा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विभिन्न देशों के बीच समुद्री व्यापार की बाधाओं को दूर किए जाने की जरूरत है. उन्होंने यह बात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की डिबेट में अपने संबोधन के दौरान कही. पीएम मोदी ने कहा समंदर हमारी साझा धरोहर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस व्यापक संदर्भ में अपनी साझा सामुद्रिक धरोहर के उपयोग के लिए हमें आपसी समझ और सहयोग का फ्रेमवर्क बनाना चाहिए. ऐसा फ्रेमवर्क कोई भी देश अकेला नहीं बना सकता, यह साझे प्रयास के ही संभव है.
मुख्य बिंदु
• प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के आधार पर होना चाहिए. हमें समंदर से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन चुनौतियां का मिलकर सामना करना चाहिए.
• प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें समुद्री व्यापार में आने वाली परेशानियों को दूर करना चाहिए. समुद्री व्यापार के सक्रिय प्रवाह पर हमारी समृद्धि निर्भर करती है और इस रास्ते में आने वाली बाधाएं पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक चुनौती बन सकती हैं.
• पीएम मोदी ने कहा, महासागर हमारी साझा विरासत हैं और हमारे समुद्री मार्ग अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जीवन रेखा हैं. ये महासागर हमारे ग्रह के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
• यह बैठक समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सभी विकल्पों पर विचार करने के लिए आयोजित की गई है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अगस्त माह के लिए अपने हाथों में ली है.
बैठक की अध्यता करने वाले पहले पीएम मोदी
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस की अध्यक्षता करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. इस खुली परिचर्चा के केंद्र में समुद्री अपराध, असुरक्षा तथा इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने समुद्री सुरक्षा और समुद्री अपराध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर कई प्रस्ताव पारित किए हैं. यह यूएनएससी पर हमारा आठवां कार्यकाल है.
भारत के पास है सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता
भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य नहीं है. सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश शामिल हैं, जिसमें 10 अस्थाई सदस्य होते हैं. अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं. अस्थाई सदस्य के तौर पर भारत के पास 2 साल का कार्यकाल है, जो जनवरी 2021 से शुरू है. भारत को सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाने की मांग लंबे अरसे से होती आई है.
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