Pradhanmantri Sangrahalaya: पीएम नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री संग्रहालय (Pradhanmantri Sangrahalaya) का उद्घाटन किया. संग्रहालय का उद्घाटन आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के दौरान किया गया. यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने 12 अप्रैल 2022 को एक बयान में दी. उन्होंने उद्घाटन के साथ ही इस संग्रहाल का पहला टिकट खरीदा और अंदर प्रवेश किया.
बता दें यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक समावेशी प्रयास है. इसका मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को हमारे सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूरदृष्टि एवं उपलब्धियों के बारे में संवेदनशील तथा प्रेरित करना है. ये संग्रहालय दिल्ली में नेहरू स्मारक म्यूजियम एवं लाइब्रेरी परिसर में बनाया गया है.
सभी पूर्व प्रधानमंत्री को समर्पित
देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के कार्यों को इस संग्राहलय में दिखाया जाएगा. यह संग्राहलय सभी पूर्व प्रधानमंत्री को समर्पित है. इसे भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु विकसित किया गया है. इस संग्रहालय में सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, कार्यकाल एवं उपलब्धियों के बारे में जानकारी मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने कैबिनेट बैठक के दौरान क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट बैठक के दौरान कहा था कि सरकार ने सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को स्वीकार करने के लिए यह फैसला किया है. हम सभी प्रधानमंत्री के योगदान को मान्यता देना चाहते हैं. प्रधानमंत्री संग्रहालय में सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के कामों को दिखाया गया है.
इस संग्रहालय को मंजूरी कब मिली?
271 करोड़ रुपये की लागत से बने इस संग्रहालय को साल 2018 में मंजूरी दी गई थी. तीन मूर्ति भवन में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय से सटे 10,000 वर्ग मीटर की जमीन पर बने संग्रहालय में पूर्व प्रधानमंत्री से संबंधित दुर्लभ तस्वीरें, भाषण, वीडियो क्लिप, समाचार पत्र, इंटरव्यू एवं मूल लेखन जैसे प्रदर्शन होंगे.
इन संस्थाओं से ली गई है जानकारी
इस संग्राहलय में पूर्व प्रधानमंत्रियों की जानकारी एवं सूचनाओं के लिए सरकारी संस्थाओं दूरदर्शन, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस, प्रिंट मीडिया, फिल्म डिविजन, संसद टीवी, विदेशी न्यूज एजेंसियां और विदेश मंत्रालय के संग्रहालयों से भी सहायता ली गई है.
इन तकनीकों का इस्तेमाल
प्रधानमंत्री संग्रहालय में युवाओं को सूचना आसान एवं रोचक तरीके से प्रस्तुत करने हेतु अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित संचार सुविधाओं का इंतजाम किया गया है. प्रदर्शनी को ज्यादा से ज्यादा इंटरैक्टिव बनाने हेतु होलोग्राम, मल्टी-टच, मल्टी-मीडिया, इंटरेक्टिव कियोस्क, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन इत्यादि लगाई गई हैं.
भारत की कहानी से प्रेरित
संग्रहालय के इमारत की डिजाइन उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है. इसे इसके नेताओं के हाथों से ढाला गया है. डिजाइन में टिकाऊ एवं ऊर्जा संरक्षण प्रथाओं को शामिल किया गया है. बता दें परियोजना पर काम के दौरान कोई पेड़ नहीं काटा गया है और न ही प्रतिरोपित किया गया है.
नेहरू संग्रहालय भवन भी शामिल
संग्रहालय पुराने नेहरू म्यूजियम एवं नए का सम्मिलित रूप है. इसमें तत्कालीन नेहरू संग्रहालय भवन भी शामिल है. इसे प्रधानमंत्री संग्रहालय ब्लॉक-1 के रूप में नामित किया गया है.
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