प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अप्रैल 2021 को रायसीना संवाद (Raisina Dialogue 2021) के छठे संस्करण का उद्घाटन करेंगे. कोविड-19 महामारी की वजह से रायसीना वार्ता का छठा संस्करण ऑनलाइन माध्यम से आयोजित होने जा रहा है. यह वार्ता 13 से 16 अप्रैल 2021 तक चलेगा.
रायसीना संवाद में कुल 50 सत्र होंगे. इसमें 50 देशों और बहुपक्षीय संगठनों के 150 स्पीकर हिस्सा लेंगे. विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस वार्ता में विश्व के कई नेता और उच्चाधिकारी हिस्सा लेंगे.
मुख्य बिंदु
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगामे और डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडरिक्सन रायसीना संवाद में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे.
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मरीसे पायने और फ्रांस के विदेश मंत्री जीन वेस ली ड्रायन भी रायसीना डायलॉग में हिस्सा लेंगे.
कई अन्य अधिकारी भी इसमें मौजूद रहेंगे. पुर्तगाल, स्लोवेनिया, रोमानिया, सिंगापुर, नाइजीरिया, जापान, इटली, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, केन्या, चिली, मालदीव, ईरान, कतर और भूटान के विदेश मंत्री भी इसमें भाग लेंगे.
रायसीना डायलॉग क्या है?
रायसीना डायलॉग (Raisina Dialogue) भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक वार्षिक सम्मेलन है. इसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ओआरएफ द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है. पहली बार रायसीना डायलॉग साल 2016 में आयोजित किया गया था.
यह एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टरल बैठक है. इसमें नीति-निर्माताओं एवं निर्णयकर्ताओं, विभिन्न राष्ट्रों के हितधारकों, राजनेताओं, पत्रकारों, उच्चाधिकारियों तथा उद्योग एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है जो कि एक मंच पर अपने विचार रखते हैं. इस बार के रायसीना संवाद में महामारियों पर बात होगी.
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