प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त को उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी है. इसके चलते आज उत्तर प्रदेश के महोबा में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लाभार्थियों को एलपीजी का कनेक्शन भी बांटा गया. प्रधानमंत्री ने 10 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना 2.0 (PM Ujjwala Yojana) की शुरुआत उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए इस प्रोग्राम में हिस्सा लिया. इस योजना के लाभार्थियों को अब पहला पूरा भरा सिलिंडर के साथ चूल्हा भी फ्री मिलेगा.
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना करोड़ों गरीब परिवारों के लिए स्वच्छ ईंधन और बेहतर जीवन को सुनिश्चित कर रहा है. गरीब परिवारों को उज्ज्वला योजना से धुएं और लकड़ी के झंझट से मुक्ति मिली है.
राशन कार्ड और एड्रेस प्रूफ जमा करने की जरूरत नहीं
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, उज्ज्वला 2.0 का लाभ लेने के लिए प्रवासियों को राशन कार्ड और एड्रेस प्रूफ जमा करने की जरूरत नहीं होगी. जरूरतमंद परिवार अब खुद के द्वारा सत्यापित आवेदन देकर भी इस योजना का लाभ ले सकेगा. इससे प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
बजट में किया गया था ऐलान
वित्त वर्ष 21-22 के बजट में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (पीएमयूवाई स्कीम) के तहत एक करोड़ अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन के प्रावधान का भी घोषणा किया गया था. इन एक करोड़ अतिरिक्त पीएमयूवाई कनेक्शन (उज्ज्वला 2.0 के तहत) का उद्देश्य उन कम आय वाले परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मुहैया करवाना है, जिन्हें पहले दौर में नहीं मिल सका था.
यह योजना क्यों शुरू किया गया
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (PM Ujjwala Yojana) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया था. इस योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन पाने वाले लाभार्थी को चूल्हा भी मुफ्त मिलेगा.
योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को लॉन्च किया था. इस योजना के तहत पांच करोड़ गरीब परिवार की महिलाओं को गैस कनेक्शन बांटने का लक्ष्य रखा गया था. इसके बाद साल 2018 में इस योजना को आगे बढ़ाते हुए सात और कैटेगरी की महिलाओं को इसका लाभ देना शुरू किया गया था. इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अंत्योदय अन्न योजना, अति पिछड़ा वर्ग, चाय बगान वर्कर, वनवासी और द्वीपों में रहने वाले लोगों को भी शामिल कर लिया था.
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