हाल ही में मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में वर्ष 2017 में 3,597 लोगों की मौत सड़कों के गड्ढों के कारण होने वाले हादसों से हुई है.
अर्थात् भारत की सड़कों पर गड्ढों की वजह से ही औसतन रोजाना 10 लोगों की जान जा रही है. यदि इसे पिछले वर्ष से तुलना करें तो साल 2016 में हुई मौतों से यह संख्या 50 फीसदी ज्यादा है.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• रिपोर्ट के अनुसार देश में सड़कों पर गड्ढों की वजह से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं. उत्तर प्रदेश में 987 लोगों की जान सड़क पर गड्ढों की वजह से होने वाले हादसों में गई है.
• वहीं यूपी के बाद दूसरा नंबर महाराष्ट्र का है जहां 2017 में 726 लोगों ने अपनी जान सड़क पर पड़े गड्ढों की वजह से गंवाई है.
• हरियाणा में वर्ष 2016 में गड्ढे में गिरने से कोई मौत दर्ज नहीं हुई थी वहीं 2017 में 522 मौतें दर्ज की गई हैं.
• राजधानी दिल्ली में भी 08 लोगों की गड्ढों में गिरने से मौत हुई है.
• वर्ष 2017 में आतंकी व नक्सली हमलों में लगभग 803 लोगों ने अपनी जान गंवाई है जबकि सड़क के गड्ढों के कारण 3597 लोगों की मौत हुई है.
आंकड़े एक नज़र
वर्ष 2017 | वर्ष 2016 |
कुल मौतें – 3,597 | कुल मौतें – 2,324 |
उत्तर प्रदेश – 987 | उत्तर प्रदेश – 714 |
महाराष्ट्र – 726 | महाराष्ट्र – 329 |
हरियाणा – 522 | ओडिशा – 208 |
गुजरात – 228 | आंध्र प्रदेश – 131 |
(स्रोत: टाइम्स ऑफ़ इंडिया)
टिप्पणी
वर्ष 2011 से 2016 में भारत में आतंकवादी घटनाओं में 4,945 लोगों की मौत हुई थी जबकि ट्रैफिक की धीमी रफ्तार के दुनिया के 10 सबसे कम रफ़्तार के शहरों में 4 भारत में हैं. सड़क पर यातायात नियमों का पालन न करना तथा दोपहिया चालकों द्वारा हेल्मेट उपयोग न करना भी इन मौतों का प्रमुख कारण है.
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आंकड़े एक नज़र
वर्ष 2017 | वर्ष 2016 |
कुल मौतें – 3,597 | कुल मौतें – 2,324 |
उत्तर प्रदेश – 987 | उत्तर प्रदेश – 714 |
महाराष्ट्र – 726 | महाराष्ट्र – 329 |
हरियाणा – 522 | ओडिशा – 208 |
गुजरात – 228 | आंध्र प्रदेश – 131 |
(स्रोत : टाइम्स ऑफ़ इंडिया)
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