प्रधानमंत्री मोदी 26 नवंबर, 2020 को, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान करने के लिए वैश्विक नवीकणीय ऊर्जा निवेश बैठक एवं एक्सपो (Re-INVEST 2020) के तीसरे संस्करण का आभासी उद्घाटन करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ डेनमार्क के ऊर्जा, उपयोगिता और जलवायु मंत्री, COP -26 प्रेसिडेंट और यूके के व्यापार, ऊर्जा और औद्योगिक रणनीति राज्य मंत्री भी इस उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे.
इस मंच में नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों पर दो दिवसीय आभासी सम्मेलन और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े डेवलपर्स, मैन्युफैक्चरर्स, इनोवेटर्स और इन्वेस्टर्स की प्रदर्शनी भी शामिल होगी. RE-INVEST 2020 अपने पहले दो संस्करणों की सफलता पर भी आधारित होगा जो वर्ष 2015 और वर्ष 2018 में आयोजित किए गए थे.
RE-INVEST 2020 का उद्देश्य
बिजली, नवीन एव नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, आरके सिंह के अनुसार, यह बैठक वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा समुदाय को एक संकेत देकर, भारत सरकार द्वारा अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को स्थायी रूप से पूरा करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के विकास के लिए उसकी प्रतिबद्धता के बारे में बताएगी.
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में इस क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में 4.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है और अब, भारत नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया है. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि, भले ही कोरोना ने व्यवधान उत्पन्न किया हो, भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय रूप से बढ़ोतरी देखी गई है.
पिछले 6 वर्षों में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता ढाई गुना और सौर ऊर्जा क्षमता 13 गुना बढ़ गई है. भारत की बिजली उत्पादन क्षमता में गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा स्रोत बढ़कर 136 गीगावॉट या कुल क्षमता का लगभग 36% हो गया है और वर्ष 2022 तक यह ऊर्जा क्षमता 220GW से आगे बढ़ने की उम्मीद है.
कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा की भूमिका
प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के तहत 20 लाख डीजल पंपों को सोलर पंपों से बदलने का लक्ष्य है और अगले 4 वर्षों के भीतर 15 लाख सोलराइज्ड ग्रिड से जुड़े पंपों और 10GW विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्रों को खेती योग्य भूमि में लगाया जाएगा.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के तहत एग्रीकल्चरल फीडर्स के सौरीकरण को शामिल करने की पहल भी विभिन्न राज्यों के सब्सिडी के बोझ को कम करने के लिए ही की गई है.
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