प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 7 दिसंबर 2017 को डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का नई दिल्ली में उद्घाटन किया. उन्होंने ही इस संस्थान की आधारशिला अप्रैल 2015 में रखी थी.
डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर बौद्ध और वर्तमान वास्तुकला का मेल है. इसमें सेमिनार के साथ-साथ सम्मेलन कक्ष भी मौजूद हैं. इसमें तीन ऑडिटोरियम और एक समृद्ध डिजिटल रिपॉजिटरी यानि डिजिटल संग्रह के साथ विशाल पुस्तकालय है.
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डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि डॉ. अंबेडकर की दृष्टि और शिक्षा के प्रसार में केंद्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस बात पर गौर करते हुए कि डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर फॉर सोसियो-इकनॉमिक ट्रांसफॉर्मेशन भी इस परियोजना का हिस्सा है, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा. उन्होंने कहा कि यह सेंटर समावेशी विकास एवं संबंधित सामाजिक-आर्थिक मामलों के लिए एक थिंक-टैंक (विचारक) के रूप में काम करेगा.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि विचारकों एवं दूरदर्शी नेताओं ने समय-समय पर हमारे देश की दिशा निर्धारित की है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में बाबा साहब के योगदान के लिए देश उनका ऋणी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक लोगों और विशेष तौर पर युवाओं को उनकी दृष्टि और विचारों से अवगत कराया जाए. यही कारण है कि डॉ. अंबेडकर के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण जगहों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया गया है. इस संदर्भ में उन्होंने दिल्ली में अलीपुर, मध्य प्रदेश में महू, मुंबई में इंदु मिल, नागपुर में दीक्षा भूमि और लंदन में उनके मकान का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि यह 'पंचतीर्थ' आज की पीढ़ी द्वारा डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि देने का तरीका है. उन्होंने कहा कि डिजिटल लेनदेन के लिए भीम ऐप केंद्र सरकार द्वारा डॉ. अंबेडकर की आर्थिक दृष्टि को श्रद्धांजलि है.
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