प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 02 अप्रैल 0217 को देश की सबसे लंबी का उद्घाटन किया. यह सुरंग प्रत्येक मौसम में कश्मीर घाटी को जम्मू से जोड़ने का काम करेगी.यह देश की पहली पूर्ण रूप से एकीकृत सुरंग प्रणाली वाली सुरंग है.
इस सुरंग के माध्यम से आवागमन सुचारू होने के बाद जम्मू-कश्मीर के मध्य 31 किलोमीटर की दूरी कम हो सकेगी. जिससे यात्रा समय में दो घण्टे कम हो गए. देश की इस सबसे लंबी सुरंग का नाम चेनानी - नाशरी रखा गया. चेनानी-नाशरी सुरंग को पटनीटॉप सुरंग के नाम से भी जाना जाता है.
सुरंग के बारे में-
- देश की इस सबसे लंबी सुरंग में 124 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
- जम्मू-कश्मीर के मध्य बनाई गई इस टनल की लंबाई 9.2 किलोमीटर है.
- आधुनिक तकनीक से बानाई गई सुरंग का विश्व मानक के अनुसार निर्माण किया गया है.
- चेनानी-नाशरी सुरंग भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या पुनः निर्धारण से पूर्व नाम राष्ट्रीय राजमार्ग 1ए) पर स्थित एक सड़क सुरंग है.
- चेनानी-नाशरी सुरंग का निर्माण कार्य वर्ष 2011 में आरम्भ किया गया.
- पीएम मोदी के अनुसार यह सुरंग जम्मू-कश्मीर के विकास में विशेष प्रोत्साहन का काम करेगी. इससे कश्मीर घाटी में पर्यटन नई ऊंचाइयों पर जाएगा.
- चेनानी-नाशरी मुख्य सुरंग का व्यास 13 मीटर है, जबकि समानांतर निकासी सुरंग का व्यास 6 मीटर है.
- मुख्य और निकासी सुरंगों में 29 स्थानों पर पार मार्ग बनाये गये हैं, जो प्रत्येक 300 मीटर की दूरी पर स्थिति हैं.
- पटनीटॉप सुरंग कुड और बटोटे को उपमार्गों से जोड़ती है जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर सर्दियों में ट्रैफ़िक जाम की समस्या भी कम होगी.
- सुरंग बनाने पर मूल अनुमानित लागत भारतीय रुपया 2,520 करोड़ थी किन्तु परिवर्धित करने में कुल भारतीय रुपया 3,720 करोड़ खर्च हुए.
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