भारतीय एथलीट प्रियंका पवार पर डोप टेस्ट में असफल होने के कारण आठ साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है . प्रियंका को हैदराबाद में इंटर-स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप में प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया था. यह चैंपियनशिप 28 जून 2016 से 02 जुलाई 2016 के बीच खेली गई थी. तब से उन पर अस्थायी प्रतिबंध था.
प्रियंका पवार को रियो ओलम्पिक-2016 में चार गुणा 400 मीटर रिले में चुना गया था, लेकिन उन्हें बाद में टीम से बाहर कर दिया गया था. उनकी जगह अश्विनी अकुनजी को टीम में शामिल किया गया था. प्रियंका का नमूना मेफेनटेरमाइन के लिए पॉजीटिव पाया गया था.
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है. नाडा के नियम के अनुसार अगर खिलाड़ी दो बार डोपिंग में पकड़ा जाता है तो उस पर आठ साल से लेकर अजीवन प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है.
प्रियंका पवार इससे पहले वर्ष 2011 में भी डोप टेस्ट में असफल रही थीं. वे दो साल के प्रतिबंध के बाद वर्ष 2013 में वापस आई थीं. उन्हें राष्ट्रीय शिविर में भी जगह मिली थी और इंचियोन में खेले गए एशियाई खेलों में भी शामिल किया गया था. उन्होंने साल 2014 में दक्षिण कोरिया के इंचियोन शहर में आयोजित एशियाई खेलों में 4x400 मीटर रिले स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation