रेल मंत्रालय ने पार्सल लीजिंग और पार्सल कार्गो ट्रेन एक्सप्रेस हेतु उदार नीतियों की शुरुआत की

Jun 17, 2016, 17:52 IST

इन नीतियों की शुरुआत वित्त वर्ष 2016-17 के रेल बजट में की गई घोषणा के हिस्से के तौर पर हुई है. इसमें पार्सल से संबंधित नीति को और अधिक उदार और ग्राहकों के अनुकूल बनाने की कोशिश की गई है.

15 जून 2016 को रेल मंत्रालय ने पार्सल लीजिंग और पार्सल कार्गो ट्रेन एक्सप्रेस से संबंधित दो नीतियों की शुरुआत की. इन नीतियों की शुरुआत रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान की.

इन नीतियों की शुरुआत वित्त वर्ष 2016-17 के रेल बजट में की गई घोषणा के हिस्से के तौर पर हुई है. इसमें पार्सल से संबंधित नीति को और अधिक उदार और ग्राहकों के अनुकूल बनाने की कोशिश की गई है.

उदारीकृत व्यापक पार्सल लीजिंग नीति (सीपीएलपी)

• व्यापार के विकास के लिए स्थिरता लाने और पर्याप्त समय देने के लिए पार्सल लीजिंग योजना की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है.

• बजटीय बढ़ोतरी से पार्सल को बचाने के लिए (क) चौथे (4)  वर्ष से 10% की दर के साथ निश्चित बढ़ोतरी के साथ निश्चित पट्टा दरें और (ख) निविदाओं की यथार्थवादी मूल्यांकन.

• सुरक्षा जमा को युक्तिसंगत बनाया गया है. सबसे पहले, पहले वर्ष के लिए यह सुरक्षा जमा को अनुबंध मूल्य के 10% पर निश्चित करता है और दूसरा, पूरी अवधि तक अनुबंध के जारी रहने के लिए प्रोत्साहित करता है.

• पहली बार आरक्षित मूल्यों को निर्धारित करने के लिए क्षेत्रीय रेलवे को शक्ति प्रदान की गई है. यह एक बदलाव है और पार्सल के कारोबार में गतिशील मूल्य निर्धारण लाएगा.

• ईएमडी की राशि को बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय रेलवे को शक्ति प्रदान की गई है. यह झूठे और फर्जी निविदाकर्ताओं पर लगाम कसेगा.

पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन (पीसीईटी) पर उदारीकृत नीति

• व्यापार के विकास के लिए स्थिरता लाने और पर्याप्त समय देने के लिए पार्सल लीजिंग योजना की अवधि को 3 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया गया है.

• बजटीय बढ़ोतरी से पार्सल को बचाने के लिए (क) चौथे (4) वर्ष से 10% की दर के साथ निश्चित बढ़ोतरी के साथ निश्चित पट्टा दरें और (ख) निविदाओं की यथार्थवादी मूल्यांकन.

• सुरक्षा जमा को युक्तिसंगत बनाया गया है. सबसे पहले, पहले वर्ष के लिए यह सुरक्षा जमा को अनुबंध मूल्य के 10% पर निश्चित करता है और दूसरा, पूरी अवधि तक अनुबंध के जारी रहने के लिए प्रोत्साहित करता है.

• पहली बार आरक्षित मूल्यों को निर्धारित करने के लिए क्षेत्रीय रेलवे को शक्ति प्रदान की गई है. यह एक बदलाव है और पार्सल के कारोबार में गतिशील मूल्य निर्धारण लाएगा.


• आरंभिक चरण में व्यापार को विकसित करने के लिए पट्टाधारी को समय देने हेतु अनुबंध अवधि के पहले 6 माह तक पीसीईटी का न्यूनतम संरचना कम कर 15 वैन कर दिया गया है.

• निविदा समिति को सशक्त बनाया गया है और पीसीईटी निविदाओं को अंतिम रूप देने का अधिकार प्रदान किया गया है.

• यह मंडलीय रेल प्रबंधकों (डीआरएम) को 25 करोड़ रुपयों तक की निविदाओं को अंतिम रूप देने का अधिकार प्रदान करता है.

• अधिक मध्यवर्ती स्टेशनों –200 किमी की दूरी में 4 मध्यवर्ती स्टेशनों की अनुमति पर लदान/ उतारने की सुविधा.

इन दो नीतियों के अलावा रेल मंत्री ने निम्नलिखित  सेवाएं शुरु की और राष्ट्र को समर्पित किया

• घरेलू कंटेनर टर्मिनल, ओखला (दिल्ली) और ह्वाइटफिल्ड (बेंगलुरु) से पहले समय–सरणी वाली कंटेनर रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई.

• शिकायतों के निपटारे के लिए एकीकृत (फेसबुक और ट्विटर) सामाजिक मीडिया मंच.

• अस्थि/ पक्षाधात, मानसिक रूप से कमजोर, पूरी तरह से नेत्रहीन और मूक-बधिर विकलांग यात्रियों को, जो बिना किसी दूसरे व्यक्ति की अनुरक्षण के यात्रा कर रहे हैं, से संबंधित नीति के कार्यान्वयन की इजाजत दी.

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