राजस्थान विधानसभा द्वारा 26 अक्टूबर 2017 को एक बार फिर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण कोटा में बढ़ोतरी करते हुए आरक्षण विधेयक पारित किया. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उपस्थिति में इस विधेयक को पारित किया गया.
राजस्थान में इससे पहले ओबीसी समुदाय को 21 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है जिसे सरकार ने पांच प्रतिशत बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है.
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मुख्य बिंदु
• इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को दो श्रेणियों में बांटा गया है. पहली श्रेणी में पहले की तरह 21 प्रतिशत आरक्षण है, जबकि दूसरी श्रेणी में गुर्जर और बंजारा समेत पांच जातियों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है.
• इस विधेयक से राज्य में अब अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 12 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है. नई व्यवस्था में राज्य में कुल आरक्षण 54 प्रतिशत हो जाएगा.
• अभी यह बिल लागू नहीं हुआ है, यह राज्यपाल की मंजूरी के बाद राज्य में लागू होगा.
• राजस्थान सरकार चौथी बार यह विधेयक ला चुकी है.
गौरतलब है कि नियमों के अनुसार किसी भी राज्य में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. हालांकि इस विधेयक के बाद राज्य में कुल आरक्षण 54 प्रतिशत हो जायेगा. राजस्थान सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के इंद्रा साहनी केस का हवाला देते हुए दलील दी थी कि राज्य की आधी से ज्यादा आबादी अन्य पिछड़ी जातियों की है. ऐसी विशेष परिस्थिति में आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा हो सकता है.
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