भारतीय रिजर्व बैंक ने एक निजी क्षेत्र के ऋणदाता, HDFC बैंक से यह कहा है कि, वह अपने डिजिटल लॉन्च के साथ-साथ, ग्राहकों को अस्थायी आधार पर क्रेडिट कार्ड की नई सोर्सिंग को बंद करे. केंद्रीय बैंक ने बैंक को डिजिटल व्यवसाय उत्पन्न करने वाली गतिविधियों को लॉन्च करने से रोकने के लिए भी कहा है जो डिजिटल 2.0 के साथ-साथ अन्य प्रस्तावित व्यवसाय आईटी अनुप्रयोगों के तहत नियोजित होती हैं.
पिछले 2 वर्षों में HDFC के मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और भुगतान उपयोगिताओं में आउटेज के मामले सामने आने के बाद RBI का आदेश आया है. बैंक के प्राइमरी डाटा सेंटर में हाल ही की बिजली की खराबी के कारण बैंक की भुगतान प्रणाली और इंटरनेट बैंकिंग में रुकावट भी 21 नवंबर, 2020 की शिकायतों में शामिल हैं. रिज़र्व बैंक ने इस लैप्स की जांच और जवाबदेही तय करने के लिए HDFC के बोर्ड को भी सलाह दी है.
HDFC बैंक के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतें
21 नवंबर, 2020 को ग्राहकों ने शिकायत की थी कि, उनके HDFC बैंक के खाते में पेमेंट स्टैक निष्क्रिय हो गया है. बैंक के अनुसार, यह बैंक के डाटा केंद्रों में से एक में अप्रत्याशित आउटेज (बिजली गुल होने) के कारण था.
इससे पहले, 3 दिसंबर, 2019 को ग्राहकों द्वारा इसी तरह की शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिनके मुताबिक वे अपनी ऋण EMI का भुगतान करने में असमर्थ थे या फिर, वे समय पर अपने क्रेडिट कार्ड बिलों का निपटान नहीं कर पाए थे.
हालांकि, HDFC द्वारा साइबर हमले की अफवाहों को खारिज कर दिया गया था और बैंक नियामक को भी इस संबंध में सूचित किया गया था.
HDFC बैंक की शिकायतों पर प्रतिक्रिया
HDFC बैंक ने 03 दिसंबर, 2020 को एक आधिकारिक बयान में यह बताया कि, उसने अपने IT सिस्टम को मजबूत करने के लिए पिछले दो वर्षों में कई उपाय किए हैं. बैंक ने आगे यह भी कहा कि, यह बकाया राशि को बंद करने के लिए तेजी से काम करना जारी रखेगा और इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के साथ अपना संपर्क जारी रखेगा. इस बयान में यह भी कहा गया है कि, यह अपने डिजिटल बैंकिंग चैनलों पर हाल ही में हुए आउटेजेस को हल करने के लिए ठोस कदम उठा रहा है.
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