रिलायंस जियो ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और उसकी सहयोगी कंपनियों की संपत्तियों के लिए अधिग्रहण की घोषणा की है. रिलायंस जियो (आरजेआइएल) की मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने समझौते पर हस्ताक्षर करने का घोषणा किया है.
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आरकॉम की संपत्तियों के मोनेटाइजेशन की प्रक्रिया आरकॉम के कर्जदाताओं के लिए आवश्यक थी जिन्होंने इस प्रक्रिया को चलाने के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केट्स को नियुक्त किया था.
मुख्य तथ्य:
• इस प्रक्रिया की निगरानी विशिष्ट उद्योग विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र समूह द्वारा की जाती है. रिलायंस जियो दो चरणों की बोली प्रक्रिया में सफल बोलीदाता के रूप में उभरा था.
• समझौते के परिणामस्वरूप, आरजेआइएल या उसके नामांकित व्यक्ति आरकॉम और उसके सहयोगियों से चार श्रेणियों टावर्स, ऑप्टिक फाइबर केबल नेटवर्क (ओएफसी), स्पेक्ट्रम और मीडिया कन्वजेर्स नोड्स (एमसीएन) के तहत संपत्ति हासिल करेंगे.
• ये परिसंपत्तियां रणनीतिक प्रवृति की हैं और इससे आरजेआइएल द्वारा वायरलेस और फाइबर टू होम एंड एंटरप्राइज सेवाओं को बड़े पैमाने पर लांच करने में मदद मिलेगी.
• अधिग्रहण को सरकारी और नियामक प्राधिकरणों से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के बाद ही मान्यता मिलेगी. सभी उधारदाताओं से सहमति, उक्त परिसंपत्तियों और अन्य स्थितियों पर सभी नियमों का भी पालन होगा.
• आरजेआइएल को इस अनुबंध में गोल्डन सैक्स, सिटी ग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, जेएम फाइनेंशियल प्राइवेट लिमिटेड, डेविस पोल्क एंड वार्डवेल एलएलपी, सिरिल अमरचंद मंगलदास, खेतान एंड कंपनी और अंर्स्ट एंड यंग द्वारा इस सौदे पर सलाह दी जा रही है.
• आरकॉम ने कहा कि जनवरी से मार्च 2018 के दौरान यह सौदा पूरा हो जायेगा. इसके तहत जिन परिसंपत्तियों का सौदा किया गया है उनमें 800, 900, 1800 और 2100 मेगाहट्र्ज बैंड में 122.4 मेगाहट्र्ज 4जी स्पेक्ट्रम, 43 हजार टेलीकॉम टॉवर, एक लाख 78 हजार आरकेएम फाइबर और 248 मीडिया कंवर्जेंस नोड शामिल हैं.
• टेलीकॉम सेक्टर रिलासंस जियो के आने के बाद से आरकॉम के 2जी और 3जी वायरलेस बिजनेस में काफी घाटा देखा गया. वर्ष 2016 में आरकॉम के ग्राहकों की संख्या 120 मिलियन थी, जो कि अगस्त 2017 में 75 मिलियन घट गई.
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