प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार हाकू शाह का 21 मार्च 2019 को अहमदाबाद (गुजरात) में दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया. वे 85 वर्ष के थे. हाकू शाह जनजातीय व लोक कला के विषयों पर आधारित अपनी चित्रकारी के लिए जाने जाते थे.
वे लंबे समय से बीमार थे और एक सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे. हाकू शाह को कला में योगदान के लिये साल 1989 में पद्म श्री पुरस्कार मिले थे. वे जवाहर लाल नेहरू फेलोशिप पुरस्कार और कला रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके थे.
पद्म श्री पद्म श्री या पद्मश्री, भारत सरकार द्वारा आम तौर पर सिर्फ भारतीय नागरिकों को दिया जाने वाला सम्मान है. यह सम्मान कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता प्रदान करने के लिए दिया जाता है. भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में यह चौथा पुरस्कार है इससे पहले क्रमश: भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण का स्थान है. इसके अग्रभाग पर, "पद्म" और "श्री" शब्द देवनागरी लिपि में अंकित रहते हैं. |
शिल्प ग्राम की स्थापना:
वे आदिवासी और लोक कला के लिए प्रसिद्ध थे. उनमें भक्ति आंदोलन की भी कला थी, साथ ही एक सांस्कृतिक मानवविज्ञानी भी थे. उन्होंने साल 1980 में राजस्थान के उदयपुर में शिल्प ग्राम की स्थापना की.
हाकू शाह के बारे में:
• हाकू शाह का जन्म साल 1934 में सूरत जिले के वालोड में हुआ था.
• उनका पूरा नाम हाकूभाई वजुभाई शाह है.
• उन्होंने साल 1955 में वड़ोदरा में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय से स्नातक और बाद में स्नातकोत्तर किया. इसके बाद प्रसिद्ध कलाकार केजी सुब्रमण्यन के तहत अपनी मास्टर डिग्री की.
• उन्होंने साल 1965 में जॉन डी. रॉकफेलर फेलोशिप प्राप्त की. उन्हें साल 1971 में नेहरू फैलोशिप भी मिली. इन वर्षों में, उन्होंने ग्रामीण जीवन और आदिवासी कला, संस्कृति और लोक मान्यताओं के साथ-साथ अनुसंधान पर बहुत अधिक शोध किया.
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