रूस ने ‘सरमत’ मिसाइल का परीक्षण किया, निशाने पर पूरा विश्व

रूस ने हाल ही में विश्व की सबसे भारी ‘सरमत’ मिसाइल का परीक्षण किया. रूस से अमेरिका के बीच की दूरी 8000 किलोमीटर है, जबकि इस मिसाइल की मारक क्षमता 12,000 किलोमीटर से भी अधिक है.

Apr 4, 2018, 16:59 IST
Russia tests SARMAT nuclear missile
Russia tests SARMAT nuclear missile

रूसी सेना ने हाल ही में अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) ‘सरमत’ का सफल परीक्षण किया है. उत्तर-पश्चिमी रूस के प्लेसेत्स्क कॉस्मोड्रोम (प्रक्षेपण केंद्र) से ‘सरमत’ मिसाइल का प्रक्षेपण किया गया.

‘सरमत’ मिसाइल सोवियत युग में डिजाइन किए गए ‘वोयेवोडा’ का स्थान लेगी. ‘वोयेवोडा’ को विश्व की सबसे भारी आईसीबीएम के रूप में जाना जाता है है जिसे पश्चिमी देशों में ‘शैतान’ (SATAN) के नाम से जाना जाता है.

राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की ओर जारी एक बयान में कहा गया कि ‘सरमत’ का वजन 200 मीट्रिक टन है और यह‘ वोयेवोडा’ से ज्यादा लंबी दूरी तक मार कर सकती है. ‘सरमत’ विश्व के किसी भी कोने में उत्तरी या दक्षिणी ध्रुवों पर उड़ान भर सकती है और विश्व में किसी भी जगह पर अपने लक्ष्य को भेद सकती है.

सरमत मिसाइल की विशेषताएं

•    रूस से अमेरिका के बीच की दूरी 8000 किलोमीटर है, जबकि इस मिसाइल की मारक क्षमता 12,000 किलोमीटर से भी अधिक आंकी गयी है.

•    यह मिसाइल अपने साथ 10 परमाणु हथियार अर्थात लगभग 100 टन वजनी परमाणु सामग्री ले जा सकती है.

•    यह मिसाइल दुनिया के किसी भी कोने पर अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली को भी चकमा देकर हमला करने में सक्षम है.

•    मिसाइल का असली नाम आरएस-28 ‘सरमत’ है जिसे नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) ने शैतान-2 नाम भी दिया है.

 

इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम)

•    आईसीबीएम के गाइडेड मिसाइल होती है जो 5,500 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी तक मार करती है

•    आईसीबीएम मिसाइल का निर्माण प्रमुख तौर पर परमाणु हथियारों को ध्यान में रखकर किया जाता है लेकिन यह अपने साथ रासायनिक और जैविक हथियारों को भी ले जा सकती है.

•    आईसीबीएम का निर्माण पहली बार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया.

•    आईसीबीएम एक साथ कई अलग-अलग न्यूक्लियर वारहेड्स ले जा सकती है, इसका मतलब है कि आईसीबीएम एक साथ कई लक्ष्यों को भेद सकती है.

•    आईसीबीएम मिसाइल की खासियत है कि यह लगातार अपनी रफ्तार एवं ऊंचाई बदलती रहती है और इसकी सर्वाधिक रफ्तार एक सेकेंड में 6-7 किलोमीटर तक होती है.

 

नाटो के बारे में जानकारी

•    नाटो की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी.

•    इसका मुख्यालय हररेन, ब्रुसेल्स, बेल्जियम में स्थित है.

•    इसका एलाइड कमांड ऑपरेशंस का मुख्यालय मोन्स के पास है.

•    इस समय नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग हैं.

•    नाटो एक संधि के आधार पर बना एक सैन्य संगठन है.

•    इसमें उत्तर अमेरिका और यूरोप के 28 स्वतंत्र सदस्य देश शामिल है.

•    इसका उद्देश्य इसके सदस्य देशों की राजनीतिक स्वतंत्रता और सैन्य सुरक्षा को बनाये रखना है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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