सैमसंग ने नोएडा में विश्व की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री आरंभ की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के पीएम मून जेई इन ने 09 जुलाई 2018 को सेक्टर 81 में इस फैक्ट्री का उद्घाटन किया.
इस घोषणा से नोएडा का नाम मोबाइल बनाने वाले शहरों के नक्शेइ में सबसे ऊपर आ गया है. चीन और अमेरिका के शहर उससे काफी पीछे रह जाएंगे. 35 एकड़ में फैली सैमसंग फैक्ट्री से 70 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
नई फैक्ट्री की विशेषताएं
• भारत में सैमसंग कंपनी अभी 6.7 करोड़ स्मार्टफोन बना रही है और इस नई यूनिट के शुरू हो जाने पर तकरीबन 12 करोड़ मोबाइल फोन बनाने की संभावना है.
• नई फैक्ट्री में न सिर्फ मोबाइल बल्कि सैमसंग के कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे रेफ्रिजरेटर और फ्लैट पैनल वाले टेलीविजन का उत्पादन भी दोगुना हो जाएगा और कंपनी इन सारे सेगमेंट में अग्रणी की भूमिका में बनी रहेगी.
• मौजूदा मोबाइल फैक्ट्री 2005 में लगाई गई. जून 2017 में दक्षिण कोरियाई कंपनी ने 4,915 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
• कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले में दुनिया के मानचित्र पर सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री होने का टैग चीन, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के पास नहीं बल्कि राज्य उत्तर प्रदेश के शहर नोएडा के नाम होगा.
लाभ |
सैमसंग वर्तमान में अपना 10 प्रतिशत उत्पादन भारत में करती है और अगले तीन सालों में वह इस आंकड़े को 50 प्रतिशत पर ले जाना चाहती है. नए प्लांट से सैमसंग को मार्केट तक पहुंचने में कम समय लगेगा. साथ ही वह सार्क देशों में अपने निर्यात को भी बढ़ा सकती है. इस फैक्ट्री के खुलने से लगभग 70,000 लोगों को इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न रोज़गार प्राप्त होंगे. |
पृष्ठभूमि
भारत में सैमसंग के दो प्लांट नोएडा और तमिलनाडु में श्रीपेरुम्बुीदुर है. इनके अलावा नोएडा में एक डिजाइन सेंटर और पांच रिसर्च व डेवलपमेंट सेंटर हैं. देश में 1990 के दशक की शुरुआत में पहला इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण केंद्र स्थापित हुआ, जिसमें 1997 में टीवी बनना शुरू हुआ तथा मौजूदा मोबाइल विनिर्माण इकाई 2005 में लगाई गई.
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