एनपीए की समस्या से निपटने हेतु ‘सशक्त’ योजना की घोषणा

'सशक्त' योजना के तहत पांच सूत्री फॉर्मूला लागू किया जाएगा. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में करोड़ रुपये से ज्यादा राशि के 200 बैंक खाते हैं. इनमें तकरीबन तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज फंसे हैं.

Jul 4, 2018, 09:28 IST
Union Finance Ministry approves Mehta Committee’s 5-pronged strategy to tackle NPAs
Union Finance Ministry approves Mehta Committee’s 5-pronged strategy to tackle NPAs

देश के सरकारी बैंकों के एनपीए अर्थात् नॉन परफॉरमिंग एसेट्स की समस्या को दूर करने के लिए एक समग्र नीति लागू किये जाने की घोषणा की गई है. यह समग्र नीति ‘प्रोजेक्ट सशक्त’ के नाम से लागू होगी जिसे सुनील मेहता की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है.

'सशक्त' योजना के तहत पांच सूत्री फॉर्मूला लागू किया जाएगा. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में करोड़ रुपये से ज्यादा राशि के 200 बैंक खाते हैं. इनमें तकरीबन तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज फंसे हैं.

प्रोजेक्ट योजना सम्बंधित प्रमुख तथ्य

•    पचास करोड़ रुपये तक के फंसे कर्ज खातों के निपटारे के लिए हर बैंक में एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा. इसका फायदा छोटी व मझोली कंपनियों को सबसे ज्यादा होगा कि उन पर ही 50 करोड़ रुपये तक का एनपीए है.

•    समिति 90 दिनों के भीतर इन सभी खातों के बारे में फैसला करेगी कि इन्हें और ज्यादा कर्ज देने की जरुरत है या इनके खाते को बंद करने की जरुरत है.

•    50 से 500 करोड़ रुपये तक के एनपीए खाता के लिए यह फैसला किया गया है कि उनके बारे में लीड बैंक की अगुवाई में फंसे कर्जे के निपटारे का फैसला किया जाएगा.

•    इस श्रेणी के खाताधारकों को एक से अधिक बैंक कर्ज देते हैं इसलिए एक कर्ज देने वाले बैंकों के बीच एक समझौता किया जायेगा.

•    500 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि के अन्य एनपीए खाते जिनका निपटारा एएमसी के जरिए भी नहीं हो सकेगा उन्हें दिवालिया कानून के तहत ही सुलझाया जाएगा.

•    इसे लागू करने के लिए इन बैंकों की एक स्क्रीनिंग समिति भी गठित होगी जो यह देखेगी कि तय नियमों का पालन पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है या नहीं.

 

सुनील मेहता समिति का गठन

जून 2018 में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई में समिति का गठन किया गया जिसकी अध्यक्षता सुनील मेहता को सौंपी गई. इस समिति को ‘बैड बैंक’ जैसी संरचना की व्यावहारिकता परखने एवं दो सप्ताह में संपत्ति पुनर्निर्माण कम्पनी के गठन के लिए सिफारिश देने के लिए कहा गया.

इस समिति में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार, बैंक ऑफ़ बड़ोदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी एस जयकुमार तथा एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक सी वेंकट नागेश्वर शामिल थे.

लाभ

इस योजना का लाभ यह होगा कि इन ग्राहकों से ऋण वसूलने का झंझट बैंकों पर नहीं रहेगा. गोयल ने बताया कि एएमसी पूरी तरह से बाजार आधारित होंगे और देश में एक से ज्यादा एएमसी का गठन हो सकता है. इसमें देसी-विदेशी कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं. यह प्रावधान किया जा रहा है कि एएमसी 60 दिनों के भीतर एनपीए का निपटारा करेंगे.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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