सऊदी अरब सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक फैसला, कोड़े मारने की सजा खत्म की

Apr 29, 2020, 10:07 IST

सुप्रीम कोर्ट के जनरल कमीशन के फैसले की आधिकारिक कॉपी के मुताबिक, अब सऊदी अरब में कोड़े मारने की सजा के बजाय भविष्य में न्यायाधीशों को जुर्माना, जेल या फिर सामुदायिक सेवा जैसी सजाएं चुननी होंगी

Saudi Arabia ends executions for crimes committed by minors in Hindi
Saudi Arabia ends executions for crimes committed by minors in Hindi

सऊदी अरब के उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में देश में कोड़े मारने की सजा खत्म करने का घोषणा किया है. सऊदी अरब के शाह और युवराज (क्राउन प्रिंस) द्वारा मानवाधिकार की दिशा में उठाया गया यह अहम कदम माना जा रहा है. देश की सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोड़े बरसाने की सजा को कारावास या जुर्माने में बदला जाएगा.

सऊदी अरब में अपराध करने पर कोड़े मारने की सजा को खत्म करने का फरमान सुनाया गया था. इस आदेश के बाद सऊदी अरब में कोड़े मारने की सजा के बजाए कैद और जुर्माना जैसी सज़ा दी जाएगी. इस प्रकार की सजा को समाप्त करने से पूर्व इसका प्रयोग हत्या, शांति भंग करना, समलैंगिकता, शराब का प्रयोग करने, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने और इस्लाम का अपमान करने जैसे अपराधों के लिये किया जाता था. इस फैसले को किंग सलमान और उनके बेटे प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मानवाधिकार सुधार कार्यक्रम का विस्तार बताया गया.

सऊदी अरब सरकार ने हाल ही में नाबालिगों द्वारा किये गए अपराधों के लिये मृत्युदंड की सजा के प्रावधान को समाप्त कर दिया है. सऊदी अरब के शाह सलमान ने नाबालिगों के लिए मौत की सजा का प्रावधान खत्म करने का आदेश दिया है. किंग सलमान के बेटे और क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के वैचारिक प्रभाव के चलते सऊदी अरब में कट्टर इस्लामिक दंड प्रावधानों में बदलाव किया गया.

सऊदी अरब के किंग सलमान ने नाबालिगों को किसी भी गंभीर अपराध में दोषी पाए जाने के बावजूद सज़ा ए मौत न देने का फरमान सुनाया है. एक दिन पहले ही अपराधियों को कोड़े मारने की सज़ा पर रोक लगाई गई है. किंग सलमान ने कट्टर इस्लामिक कानून में बदलाव करते हुए ऐतिहासिक फरमान सुनाया. किंग सलमान के नए आदेश के तहत अब नाबालिगों को गंभीर अपराध के बावजूद सज़ा ए मौत नहीं दी जाएगी.

मुख्य बिंदु

• नाबालिगों के लिये मृत्युदंड की सजा को समाप्त करना सऊदी अरब द्वारा किये गए मानवाधिकार सुधारों की श्रृंखला में एक नवीनतम कदम है.

• अपने देश में कुछ घरेलू विरोध के बीच क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान वैश्विक स्तर पर सऊदी अरब की छवि में सुधार लाने की कोशिश की है.

• यह घोषणा सऊदी अरब के मानवाधिकार आयोग द्वारा की गई है. आयोग के अनुसार, नवीनतम सुधार यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी व्यक्ति जो नाबालिग के तौर पर अपराध करता है, उसे मृत्युदंड की सजा न दी जाए.

• मृत्युदंड के स्थान पर उस नाबालिग अपराधी को अधिकतम दस साल के लिये जुवेनाइल डिटेंशन फैसिलिटी में भेजा जाएगा.

• किंग सलमान के इस ताजा आदेश से देश के अल्पसंख्यक शिया समुदाय के के कम से कम छह मुसलमानों की मौत की सजा खत्म हो जाएगी. यह सभी 18 साल से कम आयु के हैं और उन पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने का आरोप है.

मृत्युदंड: एक नजर में

मृत्युदंड विश्व में किसी भी तरह के दंड कानून के तहत किसी व्यक्ति को दी जाने वाली सबसे बड़ी सज़ा होती है. मृत्युदंड का प्रावधान मानव समाज में आदिम काल से लेकर आज तक उपस्थित है, किंतु इसके पीछे के कारणों और इसके निष्पादन के तरीकों में समय के साथ हमेशा बदलाव आता गया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, साल 2017 तक 106 देश ऐसे थे जहाँ मृत्युदंड की सजा का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है. वहीं सात देश ऐसे हैं जो असाधारण परिस्थितियों में गंभीर अपराधों के लिये मृत्युदंड की सजा की अनुमति देते हैं. विश्व में कुल 56 देश ऐसे है जिन्होंने अपने कानून में मृत्युदंड की सजा को बरकरार रखा है.

पृष्ठभूमि

क्राउन प्रिंस ने देश को आधुनिक बनाने, विदेशी निवेश को आकर्षित करने और विश्व स्तर पर सऊदी अरब की प्रतिष्ठा को फिर से विकसित करने की पहल शुरू की है. इससे पहले भी क्राउन प्रिंस सलमान ने सऊदी अरब में कई उदारवादी नीतियां अपनाई हैं. उन्होंने देश में महिलाओं को कार चलाने की अनुमति दी, जिसे साल 2018 में सऊदी का एतिहासिक क्षण बताया गया था.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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