सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट मामले में खारिज की याचिका

May 7, 2019, 11:37 IST

चुनाव आयोग की दलील के बाद कोर्ट ने 08 अप्रैल 2019 को आदेश दिया कि प्रत्येक विधानसभा के पांच बूथों पर वीवीपैट का मिलान कराया जाएगा.

SC Rejects Review Petition By Opposition Parties For 50% VVPAT Verification
SC Rejects Review Petition By Opposition Parties For 50% VVPAT Verification

सुप्रीम कोर्ट ने 07 मई 2019 को वीवीपैट (VVPAT) पर 21 विपक्षी दलों की याचिका खारिज कर दी है. विपक्षी दलों ने पहले तीन चरणों के मतदान के दौरान सामने आए ईवीएम में गड़बड़ी के मामलों का हवाला देते हुए 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियां गिनने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अदालत इस मामले को बार-बार क्यों सुने. चीफ जस्टिस ने कहा कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं. विपक्षी दलों की याचिका में कहा गया था कि कई मामलों में देखा गया है कि वोटर किसी अन्य पार्टी को वोट देता है और उसका वोट किसी दूसरी पार्टी के लिए रिकॉर्ड हो रहा है.

चुनाव आयोग की दलील के बाद कोर्ट ने 08 अप्रैल 2019 को आदेश दिया कि प्रत्येक विधानसभा के पांच बूथों पर वीवीपैट का मिलान कराया जाएगा. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किया था.

विपक्षी दलों द्वारा 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग:

विपक्षी दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी के मामलों का हवाला देते हुए 50 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियां के मिलान की मांग की थी. चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक अब तक प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सिर्फ एक ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों की जांच होती थी लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे बढ़ाकर पांच कर दिया.

हालांकि विपक्षी दल प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 50 प्रतिशत या 125 पोलिंग बूथ पर वीवीपैट पर्चियों की जांच की मांग कर रहे हैं. विपक्षी दलों का यह भी मानना है कि पांच ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों की जांच का दायरा मात्र दो प्रतिशत ही पहुंच रहा है, जबकि मांग 50 प्रतिशत की है.

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चुनाव आयोग द्वारा अभी तक का प्रावधान:

चुनाव आयोग द्वारा मौजूदा समय में 4125 ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान कराता है. सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के बाद 20625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना होगा. अभी तक वीवीपैट पेपर स्लिप मिलान के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्र में केवल एक ईवीएम ली जाती है.

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद चुनाव आयोग को 20625 ईवीएम की वीवीपैट पर्चियां गिननी हैं, यानी प्रति विधानसभा क्षेत्र में 5 ईवीएम की जांच होगी. जबकि सुप्रीम कोर्ट में 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने लगभग 6.75 लाख ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों के मिलान की मांग की है.

21 विपक्षी दलों ने याचिका डाली:

सुप्रीम कोर्ट में याचिका आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारूक अब्दुल्ला (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), अखिलेश यादव (सपा), डेरेक ओ'ब्रायन (टीएमसी) और एम. के. स्टालिन (डीएमके) की ओर से दायर की गई है. उन्होंने याचिका में अदालत से आग्रह किया था कि ईवीएम के 50 फीसदी नतीजों का आम चुनावों के परिणाम की घोषणा किए जाने से पहले वीवीपैट के साथ मिलान किया जाना चाहिए या दोबारा जांच की जानी चाहिए.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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