वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में ग्रास नली विकसित करने में सफलता प्राप्त की

Sep 25, 2018, 10:12 IST

वैज्ञानिकों द्वारा कृत्रिम ग्रास नली के विकास से जन्मजात दोष जैसे एसोफेजियल एट्रेसिया, ईसीनोफिलिक एसोफैगिटिस और बैरेट मेटाप्लासिया आदि के इलाज में लाभ हो सकता है.

Scientists grow human oesophagus in lab
Scientists grow human oesophagus in lab

पहली बार वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में स्टेम कोशिकाओं (पीएससी) का उपयोग करके मानव ग्रास नली अथवा आहार नली के एक लघु कार्यात्मक संस्करण को विकसित करने में सफलता हासिल की है.

अमेरिका में सिनसिनाटी चिल्ड्रन सेंटर फॉर स्टेम सेल और ऑर्गनाइओड मेडिसिन (क्यूस्टॉम) में शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस प्रयोग से व्यक्तिगत परेशानियों से राहत मिल सकती है. इस सफलता से जीआई विकारों का इलाज करने के लिए नई पद्धति का प्रयोग किया जा सकता है.

 

लाभ

वैज्ञानिकों द्वारा कृत्रिम ग्रास नली के विकास से जन्मजात दोष जैसे एसोफेजियल एट्रेसिया, ईसीनोफिलिक एसोफैगिटिस और बैरेट मेटाप्लासिया आदि के इलाज में लाभ हो सकता है. इसके अतिरिक्त कृत्रिम रूप से विकसित इस नलिका को व्यक्तिगत रोगियों में ट्रांसप्लांट किया जा सकता है.


ग्रास नली

ग्रासनली (ओसोफैगस) लगभग 25 सेंटीमीटर लंबी एक संकरी पेशीय नली होती है जो मुख के पीछे गलकोष से आरंभ होती है, सीने से थोरेसिक डायफ़्राम से गुज़रती है और उदर स्थित हृदय द्वार पर जाकर समाप्त होती है. ग्रासनली, ग्रसनी से जुड़ी तथा नीचे आमाशय में खुलने वाली नली होती है. इसी नलिका से होकर भोजन आमाशय में पहुंच जाता है.

ग्रासनली के शीर्ष पर ऊतकों का एक प्रवेश द्वारा होता है जिसे एपिग्लॉटिस कहते हैं जो निगलने के दौरान के ऊपर बंद हो जाता है जिससे भोजन श्वासनली में प्रवेश न कर सके. चबाया गया भोजन इन्हीं पेशियों के क्रमाकुंचन के द्वारा ग्रासनली से होकर उदर तक पहुंच जाता है. ग्रासनली से भोजन को गुज़रने में केवल सात सेकंड लगते हैं और इस दौरान पाचन क्रिया नहीं होती.

स्टेम कोशिका क्या होता है?

स्टेम कोशिका (Stem Cell) ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है. इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है. वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता है. इस प्रकार यदि हृदय की कोशिकाएं खराब हो गईं, तो इनकी मरम्मत स्टेम कोशिका द्वारा की जा सकती है. इसी प्रकार यदि आंख की कॉर्निया की कोशिकाएं खराब हो जायें, तो उन्हें भी स्टेम कोशिकाओं द्वारा विकसित कर प्रत्यारोपित किया जा सकता है.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News