नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने 18 जुलाई 2021 को नेपाली संसद का विश्वास मत हासिल कर लिया. उन्हें 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 सदस्यों का समर्थन मिला. देउबा को नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया था और एक माह में विश्वास मत साबित करने को कहा था.
83 सांसदों ने नवगठित सरकार के विरोध में मतदान किया. इस तरह सरकार ने आसानी से संसद में अपना बहुमत साबित कर दिया. संसद की प्रतिनिधि सभा में 275 सदस्य हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देउबा को विश्वास मत हासिल करने पर बधाई दी है.
Nepal PM Sher Bahadur Deuba wins vote of confidence with 163 votes in the 275-member House of Representatives pic.twitter.com/rJiwlVnM8D
— ANI (@ANI) July 18, 2021
पांचवीं बार नेपाल के प्रधानमंत्री
देउबा ने 13 जुलाई को रिकार्ड पांचवीं बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. इससे एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश चोलेंद्र शमशेर राणा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पांच माह के भीतर दूसरी बार संसद को बहाल करने का आदेश दिया था. संसद के निचले सदन में नेपाली कांग्रेस के 61 सदस्य हैं, जबकि उसकी गठबंधन साझेदार नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के 48 सदस्य हैं.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
भारत के पीएम मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को विश्वास मत हासिल करने पर बधाई दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को बधाई और सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं. मैं उनके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं. देउबा भारत समर्थक माने जाते हैं. यही कारण है कि उनके पीएम बनने से भारत से रिश्तों में मजबूती आने की उम्मीद की जा रही है.
Congratulations Prime Minister @DeubaSherbdr and best wishes for a successful tenure. I look forward to working with you to further enhance our unique partnership in all sectors, and strengthen our deep-rooted people-to-people ties.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 18, 2021
प्रतिनिधि सभा में समीकरण क्या है
नेपाल की प्रतिनिधि सभा में कुल 275 सदस्य होते हैं. इनमें से 271 की गिनती होनी थी. देउबा के लिए कम से कम 136 सदस्यों का समर्थन हासिल करना जरूरी था. अगर वह विश्वास मत हासिल करने में असफल होते हैं तो संसद भंग हो जाती और अगले छह महीने में चुनाव कराने होते.
प्रधानमंत्री देउबा के सामने क्या-क्या चुनौती
नेपाल के नए प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना महामारी है. नेपाल में दिन-प्रतिदिन कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऑक्सीजन और दवाईयों की कमी से कोरोना से होने वाली मौतों में भी काफी वृद्धि देखा जा रहा है.
कौन हैं शेर बहादुर देउबा?
शेर बहादुर देउबा नेपाल के वरिष्ठ राजनेता हैं. वे अबतक नेपाल की प्रमुख विपक्षी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष थे. देउबा इससे पहले चार बार नेपाल के प्रधानमंत्री बन चुके हैं. ऐसे में उनके पास सरकार चलाने का बहुत अनुभव है. लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पढ़ाई करने वाले देउबा भारत के करीबी नेता भी हैं. नेपाल में राजशाही रहने के दौरान देउबा की राजनीति में दबदबे का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पार्टी ने उन्हें तब तीन बार प्रधानमंत्री बनवाया था.
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