इन दिनोंन रूस का सबसे ठंडा शहर याकुत्स्क, अधिकांश यूरोप और अमेरिका के कई हिस्से बेकाबू जंगल की आग की चपेट में हैं, जिससे इन देशों में लू चल रही है. विशेषज्ञों द्वारा इस आग के लिए बताए गए जिम्मेदार संभावित कारण जलवायु परिवर्तन और खराब भूमि प्रबंधन हैं.
याकूतिया में 6.5 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि जल गई है और तेज हवा के झोंकों के कारण इस जंगल की आग का धुआं अलास्का की ओर बढ़ रहा है.
रूस के इस सबसे ठंडे शहर में जंगल की आग क्यों भड़क रही है?
• विशेषज्ञों का यह कहना है कि, साइबेरियाई गणराज्य सखा, जिसे याकूतिया भी कहा जाता है, में जलवायु परिवर्तन के कारण इन दिनों भीषण आग लगी है.
• क्षेत्रीय अधिकारियों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि जून, 2021 में इस क्षेत्र में औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया जो इस क्षेत्र के औसत तापमान से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
• इस बढ़ते हुए तापमान के साथ, रिकॉर्ड सूखा और सामान्य से 16 गुना कम वर्षा के स्तर ने याकूतिया में जंगल की इस आग को भड़काया है.
दुनिया भर के अन्य जंगलों में लगी आग
• अमेरिका के ओरेगन में बूटलेग जंगल की आग ने लगभग 475,000 एकड़ भूमि को जला दिया है और घना धुआं इस महाद्वीप के दूसरे छोर पर लगभग 3,000 मील की दूरी तक पहुंच रहा है. अत्यधिक शुष्क, गर्मी की स्थिति और तेज़ हवायें पश्चिमी अमेरिका से पूरे पूर्वी तट तक इस जंगल की आग को भड़का रही हैं.
• ब्रिटिश कोलंबिया ने जंगल की आग के कारण आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है.
यह जंगल की आग क्या है?
• जंगल में लगी आग को एक बेकाबू आग के रूप में परिभाषित किया जाता है जो जंगलों, घास के मैदानों, पीटलैंड्स आदि को अपनी चपेट में ले लेती है.
• जंगल की आग प्राकृतिक कारकों जैसे ग्लोबल वार्मिंग, शुष्क आर्द्र जलवायु, सूखे हुए वनस्पति, बिजली, ज्वालामुखी विस्फोट के अलावा अनेक मानवीय गतिविधियों के कारण भी लग सकती है.
जंगल की आग का मौसम क्या है?
• ऐतिहासिक रूप से, जंगल की आग का मौसम मई और अक्टूबर के बीच होता है, जब स्थितियां बेहद गर्म, शुष्क और आर्द्र हो जाती हैं. विश्व के ज्यादातर जंगलों में आग गर्मियों के दौरान ही लगती है लेकिन, जलवायु परिवर्तन, गर्मी की लहरों और सूखे ने जंगल की आग की घटनाओं और अवधि को काफी बढ़ा दिया है.
जलवायु परिवर्तन से बढ़ रहा है जंगल की आग का खतरा
• जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (IPCC) के अनुसार, जलवायु परिवर्तन से तूफान, सूखा और अन्य मौसम संबंधी विसंगतियों की संभावना बढ़ जाती है. मौसम की ऐसी घटनाएं, जो कभी हर 100 साल में घटती थीं, अब हर 10 साल में घट रही हैं.
• जैसे-जैसे हमारे ग्रह का तापमान बढ़ता है, वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है जिससे पौधों से अधिक नमी निकल जाती है और वनस्पति सूख जाती है. इस सूखे, शुष्क, गर्म और आर्द्र मौसम की स्थिति के साथ ऐसी स्थितियां गंभीर और लंबी अवधि तक भड़कने वाली जंगल की आग के जोखिम को बढ़ा सकती हैं.
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