श्रीलंका सरकार ने कोलंबो में हुए सीरियल बम धमाकों के बाद बुर्का जैसे चेहरे ढकने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार ये फैसला राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लिया है. उन्होंने साथ ही सरकार के इस फैसले की जानकारी ट्विटर पर भी दी है.
सरकार ने बताया है कि चेहरा ढकने वाली ऐसी कोई भी चीज़ जिससे किसी की पहचान करने में दिक्कत होती है उसे आपातकालीन प्रावधानों के तहत प्रतिबंधित किया गया है.
सरकार ने बुर्का पर क्यों लगाया बैन? श्रीलंका के कोलंबो में 21 अप्रैल 2019 को ईस्टर के दिन हुए आत्मघाती हमलों और सिलसिलेवार बम धमाकों में रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 253 लोगों की मौत हो गई और 500 लोग घायल हुए. जांच में ये बात सामने आई कि हमला करने वालों में एक महिला भी शामिल थी. उस महिला ने बुर्का पहना हुआ था. जिसके बाद से ही यहां बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की बात चल रही थी. |
सरकार द्वारा दिये गए निर्देश:
• श्रीलंकाई सरकार के अनुसार, लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चेहरे को ढंकने वाले हर तरह के परिधान को पहनने पर 29 अप्रैल 2019 से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
• श्रीलंका सरकार ने चेहरा ढंकने वाले हर कपड़े पर प्रतिबंध का फैसला यहां के एक सांसद द्वारा वहां की संसद में निजी बिल लाने के बाद लिया.
• राष्ट्रपति ने आतंकी हमले के एक हफ्ते बाद इस आदेश को जारी करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान द्वारा दिए गए आपात अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए ये फैसला लिया है.
• श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया की ये बैन राष्ट्रीय सुरक्षा स्थापित करने के उद्देश्य से लगाया गया है.
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इससे पहले बुर्के पर और कहां लगा प्रतिबंध?
श्रीलंका से पहले चाड, कैमरून, गाबोन, मोरक्को, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, डेनमार्क, फ्रांस, बेल्जियम और उत्तर पश्चिम चीन के मुस्लिम बहुल प्रांत शिनजियांग में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
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