ये एग्जिट पोल कितने सटीक होते हैं? एग्जिट पोल्स में इस्तेमाल की जाने वाली जानकारी या आंकड़े, मतदाता का मत दर्ज होने के बाद प्राप्त किये जाते हैं. मतदान केंद्र में अपना मतदान कर चुके मतदाता के बाहर निकलने के ठीक बाद, इन एग्जिट पोल्स के लिए डाटा एकत्रित किया जाता है.
इसलिए, इन एग्जिट पोल्स की सटीकता हमेशा अनिश्चितता का विषय बनी रहती है. ये एग्जिट पोल देश में होने वाले चुनावों के परिणामों की भविष्यवाणी करने के लिए मतदाताओं की मनोदशा और बुनियादी कदम के बारे में एक मोटा विचार-आधार प्रदान करते हैं.
कई बार एग्जिट पोल्स में दी गई जानकारी बहुत सटीक रही है और कई बार ऐसा भी हुआ है जब, अपनी भविष्यवाणियों को लेकर एग्जिट पोल्स पूरी तरह से गलत साबित हुए हैं.
भारत में जब एग्जिट पोल्स गलत साबित हुए
• हमारे देश में वर्ष 1998, 2004, 2009 और 2014 के चार लोकसभा चुनावों के दौरान एग्जिट पोल्स के आधार पर बताये गये नतीजे गलत साबित हुए हैं.
• जब भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार का नेतृत्व था, तो ज्यादातर एक्जिट पोल्स ने 315 से अधिक सीटों के साथ NDA की जीत दर्ज की, जबकि NDA ने तब सिर्फ 296 सीटें ही जीती थीं.
• वर्ष, 2009 के एग्जिट पोल्स में UPA ने 206 सीटें जीतीं जबकि ज्यादातर एग्जिट पोल्स में तब UPA के लिए 300 से ज्यादा सीटों की भविष्यवाणी की गई थी. हालांकि, उस दौरान बीजेपी को उम्मीद से ज्यादा 116 सीटें मिलीं.
2014 के चुनाव में एग्जिट पोल
• वर्ष 2014 के एग्जिट पोल्स मोदी सरकार की जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे लेकिन, वे भाजपा के नेतृत्व वाले NDA की जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे.
• इन एग्जिट पोल्स में बीजेपी के लिए 291 सीटों और NDA के लिए 340 सीटों की भविष्यवाणी की गई थी. लेकिन, जब परिणाम घोषित हुए तो लोकसभा की कुल 543 सीटों में से भाजपा को 282 सीटों के साथ स्पष्ट जीत हासिल हुई, जबकि NDA को 336 मिलीं.
वर्ष 2004 में बड़ी विफलता
यह वह समय था जब अधिकांश एग्जिट पोल्स भारत में वाजपेयी सरकार की वापसी की भविष्यवाणी कर रहे थे. हालांकि, चुनावों के वास्तविक परिणामों ने इन एग्जिट पोल्स के आंकड़ों को पलट दिया क्योंकि NDA 200 का आंकड़ा पार नहीं कर सका. इस वर्ष, कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 222 सीटें जीतीं और वाम, बसपा और सपा के समर्थन से देश में सरकार बनाई.
एग्जिट पोल्स: पृष्ठभूमि
भारतीय मीडिया ने 1980 के दशक के मध्य में चुनाव सर्वेक्षण और एक्जिट पोल्स शुरू किए थे. यह पहला मौका था जब निजी मीडिया ने देश में एग्जिट पोल्स शुरू किये थे.
उसके बाद, सार्वजनिक प्रसारणकर्ता दूरदर्शन ने वर्ष, 1996 में एग्जिट पोल्स प्रसारित किए, जो सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) द्वारा तैयार किए गए थे.
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