राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपनी एक वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 2020 में 2019 की तुलना में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. भारत में 2020 में आत्महत्या के 1,53,052 मामले यानी रोजाना औसतन 418 मामले दर्ज किए गए. यह जानकारी केंद्र सरकार के ताजा आंकड़ों में दी गई है.
हालांकि अब राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB ) ने साल 2020 से जुड़ी जो रिपोर्ट पेश की है वह काफी चौंकाने वाली है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 के दौरान, जहां आत्महत्याओं के मामलों में साल 1967 के बाद से सबसे बड़ा उछाल देखने को मिला है, वहीं सड़क हादसों में काफी कमी आई है.
छोटे उद्यमियों की संख्या में बढ़ोतरी
आत्महत्या करने वालों में छात्रों और छोटे उद्यमियों की संख्या काफी ज्यादा दिखाई पड़ती है. एनसीआरबी की ये रिपोर्ट जनवरी से दिसंबर 2020 तक के आंकड़ों को दिखाती है. रिपोर्ट के अनुसार इस एक साल में आत्महत्या के 153,052 नए मामले सामने आए जो साल 1967 के बाद सबसे अधिक हैं.
आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले एनसीआरबी ने बताया कि (प्रति लाख जनसंख्या) आत्महत्या दर में भी बढ़ोतरी हुई है. यह साल 2019 में 10.4 थी, लेकिन पिछले साल यह 11.3 रही. आत्महत्या के सर्वाधिक मामले महाराष्ट्र में सामने आए. महाराष्ट्र में कुल 19,909 मामले दर्ज किए गए जो कुल मामलों का 13 प्रतिशत हैं.
इन राज्यों में भी बढ़ें आकड़े
महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु में 16,883, मध्य प्रदेश में 14,578, पश्चिम बंगाल में 13,103 और कर्नाटक में 12,259 मामले दर्ज किए गए. तमिलनाडु में देशभर में आत्महत्या के कुल मामलों के 11 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 9.5 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 8.6 प्रतिशत और कर्नाटक में आठ प्रतिशत मामले दर्ज किए गए.
दिल्ली में आत्महत्या
रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वाधिक आबादी वाले केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में आत्महत्या के 3,142 मामले दर्ज किए गए. दिल्ली इस मामले में केंद्र शासित प्रदेशों में शीर्ष पर रही और इसके बाद पुडुचेरी में 408 मामले दर्ज किए गए. रिपोर्ट से पता चलता है कि 2020 में देश के 53 बड़े शहरों में आत्महत्या की कुल 23,855 घटनाएं हुईं.
कृषि मजदूरों की आत्महत्या रुकने की बजाय बढ़ी
28 अक्टूबर को जारी किए गए भारत में आत्महत्या पर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB Report 2021) के आंकड़ों से पता चलता है कि किसानों और कृषि मजदूरों की आत्महत्या रुकने की बजाय बढ़ रही है. कुल मिलाकर देश में 2020 के दौरान कृषि क्षेत्र में 10,677 लोगों की आत्महत्या की जो देश में कुल आत्महत्याओं (1,53,052) का 7 प्रतिशत है. इसमें 5,579 किसान और 5,098 खेतिहर मजदूरों की आत्महत्याएं शामिल हैं.
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