उच्चतम न्यायालय ने 09 जुलाई 2018 को यह फैसला सुनाया कि ताजमहल परिसर में स्थित मस्जिद में बाहरी व्यक्तियों को नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आगरा प्रशासन के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
• न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और लोग दूसरी मस्जिदों में भी नमाज पढ़ सकते हैं.
• ताजमहल मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सैयद इब्राहीम हुसैन जैदी ने अपनी याचिका में आगरा प्रशासन के 24 जनवरी 2018 के आदेश को चुनौती दी थी.
• सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने सवाल किया, ‘‘इस नमाज के लिये उन्हें ताजमहल में ही क्यों जाना चाहिए, और भी दूसरी मस्जिदें हैं, वे वहां नमाज पढ़ सकते हैं.”
• सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और इसलिए ताजमहल परिसर में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
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क्या था विवाद? |
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