दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार वापसी की.
एक अन्य ओलंपिक पदक विजेता, साक्षी मलिक, जिन्होंने 2016 रियो गेम्स में कांस्य जीता, ने भी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता.
साक्षी ने 62 किग्रा महिला फ्रीस्टाइल वर्ग के फाइनल में 13-2 के स्कोर के साथ न्यूजीलैंड की तायला तुअहिन फोर्ड को हरा कर भारत के लिए एक और स्वर्ण पदक जीता.
इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में तीन सालों से अधिक समय के बाद लौटते हुए, सुशील ने न्यूजीलैंड के आकाश खुल्लर को 74 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग के फाइनल में हरा कर स्वर्ण जीता.
ग्लासगो के 2014 राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने के बाद से अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में सुशिल कुमार का यह पहला पदक था. इसी श्रेणी में भारत के लिए परवीन राणा ने भी कांस्य पदक जीता. इसी चैंपियनशिप के एक मुकाबले में दोनों भिड़े थे, और सुशील 5-4 से जीत का मुकाबला जीत गए थे.
आईसीसी ने एलबीडब्ल्यू हेतु निर्णय समीक्षा प्रणाली में बदलाव को मंजूरी दी
अपने पहले मुकाबले में, सुशील ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्स पेट्रस बोथा को 8-0 से हराया और राणा पर जीत हासिल की. सुशील ने कनाडा के जसमित सिंह फुलका को हराकर स्वर्ण पदक जीता.
जीत के तुरंत बाद सुशील ने, जिन्होंने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक और 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत जीता था, अपनी जीत का श्रेय मातृभूमि और कोच दिया.
राष्ट्रमंडल जीतने के तुरंत बाद, सुशील ने कुश्ती के लिए राष्ट्रीय पर्यवेक्षक के रूप में इस्तीफा दे दिया क्योंकि खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने सक्रिय खिलाड़ियों को इस पद के योग्य नहीं माना था.
राष्ट्रमंडल खेल के बारे में
राष्ट्रमंडल खेलों का कार्यक्रम पहली बार 1930 में आयोजित किया गया था, और तब से हर चार साल पर (1942 और 1946 के अपवाद के साथ, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के कारण रद्द कर दिया गया था) आयोजित किये जाते हैं.
इस स्सल यह राष्ट्रमंडल खेल दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में में आयोजित किया गया है, और सबसे हाल ही 2014 में ग्लासगो, स्कॉटलैंड में आयोजित किया गया था.
खेलों की देखरेख कॉमनवेल्थ गेम्स फेडरेशन (सीजीएफ) द्वारा की जाती है, जो खेल के कार्यक्रम को नियंत्रित करती है और मेजबान शहरों का चयन करती है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation