वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नए नियम के तहत 5 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया है. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद पुलिस आरोपी को बिना वारंट के भी गिरफ्तार कर सकेगी.
केंद्रीय जीएसटी कानून के अनुसार यदि टैक्स योग्य वस्तु या टैक्स योग्य सेवाएं, जिनमें टैक्स चोरी की रकम 5 करोड़ रुपए को पार कर जाती है, तो यह गैर-जमानती अपराध होगा.
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के 1 जुलाई 2017 से लागू होने की संभावना है. जीएसटी लागू होने के बाद केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मूल्य वर्धित कर और अन्य स्थानीय चुंगियां एक ही टैक्स में सम्मिलित हो जाएंगी.
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के अनुसार टैक्स चोरी, गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट या गलत रिफंड की रकम 5 करोड़ रुपए से ज्यादा है, तो यह गैरजमानती जुर्म माना जाएगा. जीएसटी से सम्बंधित 4 बिल लोकसभा से पास हो गए. इसके बाद जीएसटी का 1 जुलाई से लागू होना तय माना जा रहा है.
संज्ञेय अपराध-
कोई भी संज्ञेय अपराध गंभीर श्रेणी के ऐसे अपराधों में शामिल हैं, जिसमें किसी पुलिस अधिकारी को आरोपी को बगैर वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार होता है. ऐसे मामलों में पुलिस किसी अदालत की अनुमति के साथ या अनुमति के बिना भी जांच शुरू कर सकती है. इस मामले में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 223 पन्नों में स्पष्टीकरण दिया है.
शिक्षा, स्वास्थ्य जीएसटी से मुक्त-
जीएसटी के लागू होने के बाद भी शिक्षा, हेल्थकेयर व तीर्थाटन पर सेवा कर नहीं लगेगा. केन्द्रीय परिवहन जैसी सेवाओं हेतु मौजूदा रियायती दर रखने पर जोर दिया गया है.
सेफगार्ड-
- यदि कोई भी व्यक्ति 5 करोड़ से ज्यादा टैक्स चोरी (संज्ञेय और नॉन-बेलेबल ऑफेंस) के मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे गिरफ्तार करने से पहले उसे लिखित सूचना दी जाएगी.
- नियमानुसार गिरफ्तारी के 24 घंटों के अंदर सम्बंधित व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा. अगर असंज्ञेय और बेलेबल ऑफेंस के मामले में व्यक्ति दोषी पाया गया तो उसे सीजीएसटी/एसजीएसटी के डिप्टी/ असिस्टेंट कमिश्नर से बेल दी जा सकती है.
25 हजार पेनल्टी-
- सेंट्रल जीएसटी एक्ट के तहत किसी को समन भेजा जाता है और वह सीजीएसटी/एसजीएसटी ऑफिसर के सामने नहीं पेश होता तो उस पर 25 हजार रुपए की पेनल्टी भी लगाई जाएगी.
- आयकर विभाग के निर्देशानुसार किसी व्यक्ति को समन तभी भेजा जाएगा, जब वह टैक्स डिपार्टमेंट के साथ सहयोग न कर रहा हो. समन के प्रोविजंस का फील्ड अफसर भी गलत उपयोग नही कर पाएंगे.
- सेंट्रल जीएसटी एक्ट के अनुसार गाइडलाइन में यह भी निर्धारित किया गया है कि समन की लैंग्वेज आसान होगी, जिससे समन पाने वाले को मेंटल स्ट्रेस न हो.
समन जारी करने के अधिकारी-
- सम्बंधित दोषी व्यक्ति को समन अधीक्षक जारी कर सकेगा.
- इसके लिए उसे । इसके लिए रीजन भी बताना होगा।'
- समन जारी करने से पूर्व अधीक्षक को उच्च स्तरीय अफसर जैसे सीईओ, सीएफओ से किसी असिस्टेंट कमिश्नर लेवल के अफसर से लिखित परमीशन लेनी होगी.
- पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के खिलाफ ऐसी कार्यवाही काफी जांच परखने के बाद ही की जाएगी.
- सम्बंधित व्यक्तियों को समन तभी किया जा सकता है जब जांच में ये संकेत मिले कि सम्बंधित व्यक्ति की भूमिका से रेवेन्यू का नुकसान हुआ हो.
- आगामी 18-19 मई को श्रीनगर में होने वाली बैठक में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं हेतु दरों पर फैसला किया जाएगा.
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