टॉप कैबिनेट मंजूरी: 14 फरवरी
मंत्रिमंडल ने आतंकवाद से निपटने पर एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना हेतु भारत और मोरक्को के बीच समझौते को मंजूरी दी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आतंकवाद से निपटने पर एक संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की स्थापना के लिए भारत और मोरक्को के बीच समझौते को अपनी मंजूरी दे दी है. इस संयुक्त कार्य समूह की स्थापना होने पर आंतकवादी हमले से संबंधित मामले को सुलझाने में मदद मिलेगी.
• आंतकवादी गतिविधियों के बारे में सूचना प्राप्त करने अथवा उसके आदान-प्रदान में यह समझौता एक आधार के रूप में काम करेगा.
किसान मंडी स्थापित करने हेतु छोटे किसान कृषि व्यावसाय समिति को पट्टे पर देने के प्रस्ताव
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अलीपुर, दिल्ली में स्थित दिल्ली दुग्ध योजना के स्वामित्व वाले 1.61 एकड़ भूखंड, खसरा नम्बर-91/15 को किसान मंडी स्थापित करने के लिए छोटे किसान कृषि व्यावसाय समिति (एसएफएसी) को पट्टे पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
• पट्टे पर देने की अवधि 30 वर्षों की होगी, जो 10 सितंबर 2014 से 09 सितंबर 2044 तक प्रभावी रहेगी. पट्टे पर दिए गए भूखंड का किराया 100 रुपये प्रति महीने होगा और इसमें 10 सितंबर 2014 से प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि मान्य होगी. पूरे वर्ष के लिए भूखंड के किराए की अग्रिम अदायगी 31 जनवरी तक करनी होगी.
• एसएफएसी द्वारा किसान मंडी की स्थापना से एफपीओ और कृषि उत्पादन संघों को थोक एवं खुदरा विक्रेताओं को फल व सब्जियां बेचने का एक अतिरिक्त सुविधा केन्द्र प्राप्त होगा. इससे दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र के किसानों तथा देश के उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा.
मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन को मंजूरी दी
• केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजातियों की सूची में नये समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां) आदेश संशोधन विधेयक 2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी.
• इस कानून को संविधान (अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों) संशोधन विधेयक-2019 कहा जा सकता है. विधेयक के कानून बन जाने के बाद, छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजातियों की संशोधित सूची में नए सूचीबद्ध समुदायों के सदस्य सरकार की वर्तमान योजनाओं के अन्तर्गत अनुसूचित जनजातियों के लिए निर्धारित लाभों को ले सकते हैं.
• इस तरह की कुछ प्रमुख योजनाओं में मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फैलोशिप, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम से उच्च शिक्षा के लिए रियायती दरों पर ऋण, अनुसूचित जनजाति के लड़कों व लड़कियों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं. उपरोक्त के अलावा ये लोग सेवाओं में आरक्षण का लाभ लेने और सरकार की नीति के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के हकदार हैं.
सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल तीन साल बढा
• केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के कार्यकाल को तीन साल के लिए बढाने को मंजूरी प्रदान की गयी. आयोग का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. इस फैसले से आयोग का काम 31 मार्च के बाद तीन साल के लिए बढ जाएगा.
• इस प्रस्ताव से सफाई कर्मचारी और हाथ से सफाई करने के काम में लगे व्यक्ति मुख्य लाभार्थी होंगे, क्योंकि एनसीएसके उनके कल्याण और उत्थान के लिए कार्य करेगा. एनसीएसके सफाई कर्मचारियों के कल्याण, सफाई कर्मचारियों के मौजूदा कल्याण कार्यक्रमों के अध्ययन और आकलन, विशिष्ट परिवेदनाओं के मामलों की जांच-पड़ताल करने के विशेष कार्यक्रमों के संबंध में सरकार को अपनी सिफारिशें कर रहा है.
तमिलनाडु में टीका संयंत्र हेतु भूमि आवंटन को कैबिनेट की मंजूरी
• केंद्रीय कैबिनेट ने तमिलनाडु के कुन्नुर में वायरल वैक्सीन निर्माण की नई इकाई की स्थापना के लिए पास्चर इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (पीआईआई) के लिए भूमि के आवंटन को मंजूरी दे दी. इस परियोजना के तहत पीआईआई, कुन्नूर में वायरल टीका जैसे टीसीए खसरा- रोधी टीका, जापानी इंसेफ्लाइटिस टीका आदि और एंटी सीरा का उत्पादन किया जाएगा.
• भूमि के आवंटन से बच्चों के लिए जीवन रक्षक टीकों के उत्पादन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ देश में टीका उपलब्धता को मजबूती मिलेगी. फिलहाल इस सभी टीकों को आयात किया जाता है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस परियोजना के लिए इस्तेमाल में आने वाली भूमि का ‘लैंड यूज’ बदल कर ‘औद्योगिक’ से ‘संस्थागत’ भी किया जाएगा.
छोटे उद्योगों हेतु पूँजी सब्सिडी तथा प्रौद्योगिकी उन्नयन योजना की अवधि बढ़ी
• केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिये ‘क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी’ तथा तकनीकी उन्नयन योजना को तीन साल बढ़ाने को मंजूरी दे दी. इस पर कुल 2,900 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. योजना को 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद तीन साल के लिये 2017-18 से 2019-20 तक जारी रखने को मंजूरी दी गयी है.
• मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय किया गया. यह एमएसएमई के लिये प्रौद्योगिकी उन्नयन को सुगम, उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार, उत्पादकता में वृद्धि और निरंतर सुधार की संस्कृति को बढ़ावा देगा.
• ऋण आधारित पूंजीगत रियायत के उन्नयन को लेकर अनेक जारी योजनाओं को जोड़ कर, विनिर्माण के क्षेत्र में जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट के लिए सहयोग कायम करके, कचरे में कमी करके उत्पादकता वृद्धि, डिजाइन के इस्तेमाल, क्लाउड कम्प्यूटिंग, बौद्धिक सम्पदा अधिकारों में आसानी और नई अवधारणाओं की शुरूआत करके वर्ष 2017-18 और 2019-20 के बीच सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की प्रतिस्पर्धा में सुधार लाना इस योजना का लक्ष्य है.
अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए उप योजनाएं जारी रखने को मंजूरी
• केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2020 तक ‘अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए बने अम्ब्रेला कार्यक्रम’ के तहत उप-योजनाओं को जारी रखने की मंजूरी दी. उप-योजनाओं से अनुसूचित जनजातियों के कल्याण की योजनाओं तथा इस क्षेत्र में काम कर रहे संस्थानों को सहायता प्राप्त होगी. विशिष्ट हस्तक्षेप पर विशेष जोर दिया जाएगा.
• इस योजना से अनुसूचित जनजाति की 10 करोड़ से अधिक की आबादी को लाभ मिलेगा. अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए वर्तमान में लागू योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाते हुए एक वृहत योजना के अंतर्गत लाया गया है. अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों की विकास संबंधी सेवाओं के लिए इन उप-योजनाओं को जारी रखने की आवश्यकता थी.
कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य ढाई सौ रुपये बढ़ाने की मंजूरी
• केंद्र सरकार ने कच्चे जूट के 2019-20 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ढाई सौ रुपये बढा दिया हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. इस मंजूरी के बाद जूट का प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य 3700 से बढ़ाकर 3950 किया गया है.
• न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर 55.81 प्रतिशत का मुनाफा होगा. कच्चे जूट के एमएसपी से किसानों को उचित न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित हो सकेगा और जूट की खेती में निवेश करने में तेजी आएगी तथा इससे देश में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ेगी.
• भारतीय पटसन निगम जूट उत्पादक राज्यों में एमएसपी पर मूल्य समर्थन कार्य शुरू करने के लिए केन्द्रीय नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करना जारी रखेगी.
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