टॉप कैबिनेट मंजूरी: 23 नवम्बर 2018

Nov 23, 2018, 12:59 IST

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मॉरीशस के बीच उपभोक्ता संरक्षण और विधिक माप विद्या के बारे में समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अपनी मंजूरी दे दी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.

Top Cabinet Approvals: 23 November 2018
Top Cabinet Approvals: 23 November 2018

टॉप कैबिनेट मंजूरी: 23 नवम्बर 2018

मंत्रिमंडल ने युवा मामलों में सहयोग हेतु भारत और ताजिकिस्तान के बीच समझौता-ज्ञापन को मंजूरी दी

•   युवा मामलों में सहयोग को प्रोत्साहन देने के संबंध में भारत और ताजिकिस्तान के बीच एक समझौता-ज्ञापन पर दोनों देशों ने 8 अक्टूबर 2018 को दुशाम्बे में हस्ताक्षर किए थे. समझौता-ज्ञापन 5 वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा.

•   युवा मामलों में सहयोग के क्षेत्रों में युवाओं, युवा संगठनों के प्रतिनिधियों और युवा नीति निर्माण मे संलग्न सरकारी अधिकारियों के आदान-प्रदान सहित दोनों देशों में युवा मामलों पर आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों और संगोष्ठियों के लिए निमंत्रण, मुद्रित सामग्रियों, फिल्मों, अनुभवों, युवा मामलों पर शोध एवं अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान, युवा कैम्पों, युवा उत्सवों और दोनों देशों में आयोजित होने वाले अन्य युवा कार्यक्रम शामिल हैं.

•   समझौता-ज्ञापन का उद्देश्य ताजिकिस्तान के साथ युवा मामलों पर सहयोग को प्रोत्साहित करना और उसे मजबूत बनाना है. इसके लिए दोनों पक्षों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों और गतिविधियों में हिस्सा लेना, सूचना और जानकारी को साझा करना तथा युवाओं का आदान-प्रदान करना भी शामिल किया गया है.

•   इस समझौते से युवा मामलों के क्षेत्र में आदान-प्रदान कार्यक्रमों के लिए सुविधा होगी, जिससे युवाओं में विचारों, मूल्यों और संस्कृति के आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देने में मदद मिलेगी तथा भारत और ताजिकिस्तान के बीच दोस्ताना रिश्ते मजबूत होंगे.

 

मंत्रिमंडल ने उपभोक्ता संरक्षण और विधिक माप विद्या पर मॉरीशस के साथ समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दी

•   केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और मॉरीशस के बीच उपभोक्ता संरक्षण और विधिक माप विद्या के बारे में समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अपनी मंजूरी दे दी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.

•   प्रस्तावित एमओयू दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए लाभकारी है. इससे उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी और सूचना के आदान-प्रदान करने और दोनों देशों में हुए विकास का पारस्परिक लाभ मिलेगा.

•   समझौता ज्ञापन से उपभोक्ता संरक्षण तथा विधिक माप विद्या के क्षेत्र में समावेशी सतत और मजबूत विकास को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे भ्रामक विज्ञापन, टेलीमार्केटिंग, बहु-स्तरीय मार्केटिंग और ई-कॉमर्स जैसी नई चुनौतियों का सामना किया जा सकेगा.

•   समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों की खोज को सुनिश्चित करेगा, जिससे नई चुनौतियों से निपटने में विशेषज्ञता के नए क्षेत्र विकसित होंगे. एमओयू से समय-समय पर सूचना के आदान-प्रदान तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम से सुशासन और उपभोक्ता के हित में लड़ने की लाभकारी विशेषज्ञता सुनिश्चित होगी.

 

मंत्रिमंडल ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भारत और उज्बेकिस्तान के बीच समझौता से को अवगत कराया

•   इस समझौते पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिरायोयेव की उपस्थिति में नई दिल्ली में 01 अक्टूबर 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे. समझौते पर भारत की ओर से विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और उज्बेकिस्तान की ओर से वहां के नवाचार विकास मंत्री अब्राहिम अब्दुरखमानोव ने हस्ताक्षर किए थे.

•   समझौते पर हस्ताक्षर से द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय प्रारंभ होगा, क्योंकि विज्ञान और प्रौद्योगिकी में पारस्परिक लाभ की मजबूतियों से दोनों देश लाभ उठाएंगे. इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग को प्रोत्साहित करना है.

•   हितधारकों में वैज्ञानिक संगठनों के शोधकर्ताओं, अकादमी, अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं तथा भारत-उज्बेकिस्तान के उद्योग शामिल हैं.

•   सहयोग के संभावित क्षेत्रों में कृषि तथा खाद्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग विज्ञान, सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी, एप्लायड मैथेमेटिक्स, डाटा विज्ञान तथा टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य तथा मेडिकल टेक्नोलॉजी, धातु विज्ञान, लाइफ साइंस तथा जैव प्रौद्योगिकी, भौतिक शास्त्र तथा एस्ट्रोफिजिक्स, ऊर्जा, जल, जलवायु तथा प्राकृतिक संसाधन जैसे क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है.

 

मंत्रिमंडल ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन हेतु भारत के अटल नवाचार मिशन और रूस के निधि ‘प्रतिभा एवं सफलता’ के बीच समझौता-ज्ञापन की जानकारी दी

•   समझौता ज्ञापन पर 5 अक्टूबर, 2018 को हस्ताक्षर किए गए थे. समझौता ज्ञापन से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संवर्धन, छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के आदान-प्रदान के जरिए सहयोगी कार्य की मजबूत आधारशिला रखने के लिए सुविधा होगी.

•   समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के स्कूलों, विश्वविद्यालयों, सांस्कृतिक संस्थानों, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं विशेष शिक्षा संस्थानों, हाइटैक कंपनियों, स्टार्टअप और नवाचार केन्द्रों के बीच रिश्ते स्थापित करने के लिए प्रणाली उपलब्ध हो सकेगी. इसके तहत नये वैज्ञानिक, ज्ञान के सृजन, बैद्धिक संपदा, नवाचार और उत्पाद विकास को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा.

•   इस समझौता ज्ञापन के जरिए अटल नवाचार मिशन और रूस के निधि ‘प्रतिभा एवं सफलता’ के बीच सहयोग को जारी रखने का प्रस्ताव किया गया है.

•   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23-24 दिसंबर 2015 की अपनी रूस यात्रा के दौरान सोची में साइरियस शिक्षण केन्द्र का दौरा किया था. वहां यह प्रस्ताव किया गया था कि भारतीय छात्रों के साथ काम करने के लिए रूसी छात्रों को भारत आमंत्रित किया जाए.

 

मंत्रिमंडल ने अन्‍य पिछड़े वर्गों के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने वाले आयोग की सेवा अवधि में विस्‍तार देने को मंजूरी दी

•   केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने केन्‍द्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग के उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने वाले आयोग की सेवा अवधि को 30 नवम्‍बर 2018 से छह महीने बढ़ाकर 31 मई 2019 तक विस्‍तार देने की मंजूरी दी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई.

•   आयोग ने राज्‍य सरकार,  राज्‍य पिछड़ा वर्ग आयोग, विभिन्‍न सामुदायिक संगठन व पिछड़े वर्गों से जुड़े आम नागरिकों समेत विभिन्‍न हितधारकों के साथ विस्‍तार से बैठकें की है. आयोग ने उच्‍च शै‍क्षणिक संस्‍थानों में नामांकित ओबीसी छात्रों तथा केन्‍द्र सरकार के विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी बैंकों और वित्‍तीय संस्‍थानों में ओबीसी के प्रतिनिधित्‍व से संबंधित आंकड़ों का संग्रह किया है.

•   रिपोर्ट तथा उप-वर्गीकरण सूची को अंतिम रूप देने से पहले, प्राप्‍त आंकड़ों के परीक्षण व विश्‍लेषण के आधार पर आयोग ने राज्‍यों तथा उनके पिछड़े वर्ग आयोगों के साथ अगले दौर की चर्चाओं की आवश्‍यकता व्‍यक्‍त की है.

 

मंत्रिमंडल ने केन्‍द्र शासित प्रदेश दादर व नागर हवेली के सिलवासा में मेडिकल कॉलेज की स्‍थापना को मंजूरी दी

•   दादर व नागर हवेली प्रशासन ने सिलवासा में मेडिकल कॉलेज की स्‍थापना के लिए दो वर्षों में 189 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की है. वर्ष 2018-19 के लिए 114 करोड़ और वर्ष 2019-20 के लिए 75 करोड़ रुपये. प्रतिवर्ष 150 छात्रों का नामांकन होगा.

•   यह परियोजना 2019-20 तक पूरी हो जाएगी और इसका निर्माण व परिव्‍यय भारतीय चिकित्‍सा परिषद (एमसीआई) के नियमों तथा स्‍वास्‍थ्‍य व परिवार कल्‍याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाएगा.

•   मेडिकल कॉलेज का वार्षिक परिव्‍यय केन्‍द्र शासित प्रदेश के बजट प्रावधानों के अंतर्गत संचालित किया जाएगा. स्‍थापना परिव्‍यय समिति (सीईई) की अनुशंसाओं के तहत 357 स्‍थायी पदों में से 14 (जेएस) स्‍तर (शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों सहित) के 21 स्‍थायी पदों का सृजन है.

•   इस मंजूरी से चिकित्‍सकों की उपलब्‍धता में वृद्धि होगी तथा चिकित्‍सकों की कमी की समस्‍या में भी कमी आएगी. दो केन्‍द्र शासित प्रदेशों के छात्रों के लिए मेडिकल शिक्षा प्राप्‍त करने के अवसरों में वृद्धि होगी. जिला स्‍तर के अस्‍पतालों की अवसंरचना का अधिकतम उपयोग होगा और दोनों केन्‍द्र शासित प्रदेशों तथा समीपवर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए तीसरे स्‍तर की मेडिकल सुविधा बेहतर होगी.

 

सीसीईए ने जूट की बोरियों में अनिवार्य पैकेजिंग के मानकों का दायरा बढ़ाने को मंजूरी दी

•   आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने जूट पैकेजिंग सामग्री (जेपीएम) अधिनियम, 1987 के तहत अनिवार्य पैकेजिंग मानकों का दायरा बढ़ाने को अपनी मंजूरी दे दी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.

•   सीसीईए ने यह मंजूरी दी है कि 100 प्रतिशत अनाजों और 20 प्रतिशत चीनी की पैकिंग अनिवार्य रूप से जूट (पटसन) की विविध बोरियों में ही करनी होगी. विभिन्न तरह की जूट बोरियों में चीनी की पैकिंग करने के निर्णय से जूट उद्योग के विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा.

•   आरंभ में खाद्यान्न की पैकिंग के लिए जूट की बोरियों के 10 प्रतिशत ऑर्डर रिवर्स नीलामी के जरिए ‘जेम पोर्टल’ पर दिए जाएंगे. इससे धीरे-धीरे कीमतों में सुधार का दौर शुरू हो जाएगा.

•   इस निर्णय से जूट उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलेगा, कच्चे जूट की गुणवत्ता एवं उत्पादकता बढ़ेगी, जूट क्षेत्र का विविधीकरण होगा और इसके साथ ही जूट उत्पाद की मांग बढ़ेगी जो निरंतर जारी रहेगी.

•   जूट उद्योग मुख्य रूप से सरकारी क्षेत्र पर ही निर्भर है, जो खाद्यान्न की पैकिंग के लिए प्रत्येक वर्ष 6500 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मूल्य की जूट बोरियां खरीदता है. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि जूट उद्योग के लिए मुख्य मांग निरंतर बनी रही और इसके साथ ही इस क्षेत्र पर निर्भर कामगारों एवं किसानों की आजीविका में आवश्यक सहयोग देना संभव हो सके.

•   यह अत्यंत महत्वपूर्ण है. लगभग 3.7 लाख कामगार और कृषि क्षेत्र से जुड़े लाखों परिवार अपनी आजीविका के लिए जूट क्षेत्रों पर ही निर्भर है, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार निरंतर ठोस प्रयास करती रही है.

 

मंत्रिमंडल ने गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर समारोहों के आयोजन की मंजूरी दी

•   केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित कर देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती अगले वर्ष शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दे दी है. राज्य सरकारों और विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ समारोह मनाए जाएंगे. गुरु नानक देवजी की प्रेम, शांति, समानता और भाईचारे की शिक्षाओं का शाश्वत मूल्य है.

•   केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे के निर्माण और उसके विकास को मंजूरी दे दी ताकि भारत से तीर्थ यात्री आसानी से पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जा सकें जहां गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे.

•   केन्द्रीय मंत्रिंमडल ने यह भी फैसला किया कि गुरुनानक देवजी के जीवन से जुड़े ऐतिहासिक शहर सुल्तानपुर लोधी को भी ऊर्जा दक्षता सहित स्मार्ट सिटी की तर्ज पर एक धरोहर शहर विकसित किया जाएगा जिससे यह पता चल सके कि गुरुनानक देवजी सदैव प्रकृति की निरंतरता और उससे प्रेम करने पर जोर देते थे.

•   रेल मंत्रालय तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए एक ट्रेन चलाएगा जो गुरु नानक देवजी से जुड़े विभिन्न धार्मिक स्थलों से गुजरेगी. करतारपुर गलियारे का कार्य सरकार की सहायता से एक संयुक्त विकास परियोजना के रूप में किया जाएगा ताकि सभी आधुनिक सुविधाओं वाले इस मार्ग से तीर्थ यात्री सुगमता और सरलता आ-जा सकें.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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