टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 03 अप्रैल 2020 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से डीआरडीओ और प्रधानमंत्री जनधन योजना आदि शामिल हैं.
डीआरडीओ ने सीम सीलिंग ग्लू के साथ जैविक सूट विकसित किया
डीआरडीओ के विभिन्न प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों ने अपने इसके लिए अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग किया है- कि कैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) को विकसित करने के लिए टेक्सटाइल, कोटिंग और नैनोटेक्नोलाजी की दक्षता का उपयोग किया जाए, जिसमें कोटिंग के साथ विशिष्ट प्रकार के कपड़े शामिल हों.
यह उद्योग बड़ी मात्रा में सूट उत्पादन के लिए तैयार है. मेसर्स कुसुमगढ़ इंडस्ट्रीज कच्चे माल और कोटिंग सामग्री का उत्पादन कर रही है, और पूरे सूट का निर्माण दूसरे विक्रेता की सहायता से किया जा रहा है. वर्तमान समय में उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 7,000 सूट है. परिधान प्रौद्योगिकी में अनुभव रखने वाले एक अन्य विक्रेता को भी साथ लाया जा रहा है और उत्पादन क्षमता को प्रतिदिन 15,000 सूट तक बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.
महिलाओं के जनधन खाते में आज आएगी पहली किस्त, जानें विस्तार से
सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत जीरो बैलेंस पर बचत खाते खोले गए हैं. इन खातों में ही यह राशि प्रदान की जाएगी. जनधन खाता खुलवाने पर दुर्घटना बीमा, ओवरड्राफ्ट फेसिलिटी और चेकबुक सहित अन्य लाभ भी मिलते हैं. सरकार द्वारा निकासी के लिए एटीएम का प्रयोग करने की सलाह दी गई है.
इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) ने सभी बैंकों को आदेश दिया है कि वह अपने यहां महिलाओं के जनधन खाते में 3 अप्रैल से 500 रुपये हर महीने डालना शुरू कर दें. इस महीने यह रकम महिलाओं के खाते में 3 अप्रैल से 9 अप्रैल के बीच डाले जाएंगे.
कोविड-19 से जुड़ी शिकायतों के लिए राष्ट्रीय निगरानी डैशबोर्ड का शुभारंभ
लोक शिकायत और सुझाव से संबंधित आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत गठित DARPG द्वारा अधिकार प्राप्त समूह अधिकारियों की सिफारिश के आधार पर कोविड -19 से संबंधित शिकायतों के लिए राष्ट्रीय निगरानी डैशबोर्ड की स्थापना की गई है.
राष्ट्रीय निगरानी बोर्ड को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से 43 शिकायतें, वित्त मंत्रालय से 26 शिकायतें और विदेश मंत्रालय से 31 शिकायतें मिलीं. सरकार के वरिष्ठ अधिकारीयों के द्वारा दैनिक आधार पर इस शिकायत पोर्टल की निगरानी करने के साथ ही इसे अद्यतन किया जायेगा.
भारत में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ावा देंगी ये तीन प्रोत्साहन योजनायें,जानें विस्तार से
तीन योजनाओं में उत्पादन से संबंधित प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर (ईएमसी) 2.0 और इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जों और अर्द्धचालकों (स्पेसस) के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना शामिल है. यह तीन योजनाओं में सबसे बढ़ी योजना है जिसके तहत 40,000 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया गया है.
घरेलू मोबाइल फोन कंपनियों के लिए चार वर्षों में निवेश सीमा 200 करोड़ रुपये है और पांच वर्षों में बिक्री मानदंड 5,000 करोड़ रुपये है. अगले 4 साल के लिए घटकों के लिए निवेश की सीमा 100 करोड़ रुपये और अगले 5 साल में 600 करोड़ रुपये की बिक्री निर्धारित की गई है.
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