टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 23 अप्रैल 2021 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से विश्व पुस्तक दिवस और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
West Bengal Election 2021: चुनाव आयोग ने रोड शो-कार रैलियों पर लगाई रोक
चुनाव आयोग ने कहा कि किसी भी सभा में 500 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते हैं. आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के किए जाने वाले रोड शो और कार रैलियों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है. यह आदेश 22 अप्रैल 2021 को शाम सात बजे से लागू हो गया.
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में यह भी कहा कि कई राजनीतिक दल/उम्मीदवार अभी भी सार्वजनिक समारोहों के दौरान निर्धारित सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं कर रहे हैं. इसलिए कोरोना के बढ़ते खतरों को देखते हुए बड़ी रैली और रोड शो को प्रतिबंधित किया गया है.
World Book Day 2021: जानिए क्यों 23 अप्रैल को मनाया जाता है विश्व पुस्तक दिवस
इस दिन को लेकर देशभर के छात्रों और लेखकों में काफी उत्साह रहता है. इस दिन विद्यालयों तथा पुस्तक विक्रेता संघों द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. इस दिन, यूनेस्को और प्रकाशक एक साल के लिए वर्ल्ड बुक कैपिटल का चयन करते हैं.
हर साल 23 अप्रैल को 'विश्व पुस्तक दिवस' मनाया जाता है. इसे विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस (World Book and Copyright Day) कहा जाता है. दुनियाभर में किताबों की अहमियत को दर्शाने के लिए विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है. दुनिया के विभिन्न देशों में वर्ल्ड बुक डे को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है.
भारत वैश्विक ऊर्जा रूपांतरण सूचकांक में 87वें स्थान पर, जानें पहले स्थान पर कौन
सूचकांक में शीर्ष दस देशों में पश्चिमी और उत्तरी यूरोप के देश हैं. सूची में स्वीडन पहले स्थान पर जबकि नार्वे और यूरोप क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चीन (68) और भारत (87) की कुल वैश्विक ऊर्जा मांग में सामूहिक रूप से एक तिहाई हिस्सेदारी है.
रिपोर्ट के अनुसार चीन का सुधार मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था में ऊर्जा गहनता में कमी, नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार के साथ ऊर्जा क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी तथा निवेश एवं ढांचागत सुविधाओं के जरिये अनुकूल माहौल सृजित करने का परिणाम है.
नासा ने मंगल ग्रह पर बनाई सांस लेने योग्य ऑक्सीजन, जानिए विस्तार से
इस रोवर को लाल ग्रह पर प्रचुर मात्रा में मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड से सांस लेने योग्य आक्सीजन बनाने में पहली बड़ी सफलता मिली है. हालांकि बहुत थोड़ी मात्रा में आक्सीजन तैयार हुई है, लेकिन यह उपलब्धि दूरगामी मानी जा रही है. इससे मंगल पर मानव बस्ती बसाने की राह खुल सकती है.
नासा का मकसद साल 2033 तक मंगल पर मानव को पहुंचाने का है और वह यहां आने वाली इससे संबंधित तमाम चुनौतियों से निपटने की तैयारी कर रहा है. इसमें से एक चुनौती मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन का निर्माण करना होगा क्योंकि पृथ्वी से आठ माह के सफर में मंगल ग्रह तक इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन ले जाना संभव नहीं होगा.
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