राज्यसभा में रचा गया इतिहास, ‘तीन तलाक’ बिल हुआ पास

Jul 30, 2019, 19:01 IST

तीन तलाक देश में विवादास्‍पद मुद्दा रहा है. भिन्न-भिन्न मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक आस्‍था का सवाल बताया. सरकार का कहना है कि इसे प्रतिबंधित करने हेतु कानून बनाने के उद्देश्य से लाया गया है. यह विधेयक किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के अधिकारों और न्‍याय के बारे में है.

triple talaq bill
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राज्यसभा से 30 जुलाई 2019 को तीन तलाक विधेयक पास कर दिया गया. इस विधेयक को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया. लोकसभा से यह बिल 26 जुलाई 2019 को पास हो चुका है. यह विधेयक पिछली लोकसभा में भी पास हुआ था पर राज्यसभा ने इसे लौटा दिया था.

राज्यसभा में बिल को लेकर वोटिंग हुई, जिसमें 99 सांसदों ने 'तीन तलाक' बिल के पक्ष में वोट किया जबकि 84 सांसदों ने बिल के विरोध में वोट किया. बिल के पक्ष में वोट करने वालों की संख्या के आधार पर तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास हो गया. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब यह कानून बन जाएगा.

तीन तलाक देश में विवादास्‍पद मुद्दा रहा है. भिन्न-भिन्न मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक आस्‍था का सवाल बताया. सरकार का कहना है कि इसे प्रतिबंधित करने हेतु कानून बनाने के उद्देश्य से लाया गया है. यह विधेयक किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के अधिकारों और न्‍याय के बारे में है.

राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के लिए इसे पास कराना मुश्किल था लेकिन कई महत्वपूर्ण दलों के सदन से वॉक आउट करने से ये मुश्किल काम को पार करने में सरकार सफल हुई.

आखिर क्या है तीन तलाक?

तीन तलाक मुसलमान समाज में तलाक देने का वो जरिया है, जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति तीन बार ‘तलाक’ बोलकर अपनी पत्नी को तलाक दे सकता है. ये मौखिक या लिखित किसी में भी हो सकता है. हाल के दिनों में तलाक टेलीफोन, एसएमएस, ईमेल या सोशल मीडिया जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भी दिया जा रहा है.भारत से पहले विश्व के 22 ऐसे देश हैं जहां तीन तलाक पूरी तरह प्रतिबंध है. विश्व का पहला देश मिस्र है जहां तीन तलाक को पहली बार बैन किया गया था.

इससे पहले 16वीं लोकसभा में भी ट्रिपल तलाक बिल पास हो चुका था, लेकिन तब यह राज्यसभा में अटक गया था. हालांकि, राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, मुसलमान महिलाओं को 'तीन तलाक' देने की प्रथा पर रोक लगाने में मदद करेगा. बिल में तीन तलाक का अपराध साबित होने पर आरोपी पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान है.


Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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